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जून - 2021 विचार

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Friday, June 18, 2021, 05:03 PM
Vichar

बाँसुरी का आविष्कार सातवीं शताब्दी में हुआ था । तो बजाने वाले भगवान कब हुये ! - सिद्धार्थ बागड़े

सिंध प्रदेश के जाट और लोहाना कट्टर बौद्ध होने के कारण ब्राह्मण राजा चच ने उन्हें अछुत बनाया और पहचान के लिए पैर में जुते पहनने से उन्हें मना किया और कुत्ता उनके साथ रखना अनिवार्य किया था|

-- बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क

पुष्यमित्र शुंग की तरह सिंध में चच नामक ब्राह्मण ने 650 AD में बौद्ध राजा साहसी राई को मारकर प्रतिक्रांति को अंजाम दिया था| -- बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क

बौद्ध स्तुप को "कुंभ" भी कहा जाता था, क्योंकि स्तुप की तरह कुंभ में भी बुद्ध अस्थियां रखकर लोग उनकी पुजा करते थे| (Benisti, 1943, 60)

सम्राट अशोक के "पांचवार्षिक उत्सव" से प्रेरित होकर सम्राट हर्षवर्धन प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर हर पांचवे साल विशाल "धम्ममेला" लेते थे| आजकल उस "धम्ममेला" को "कुंभमेला" कहा जाता है और "बौद्ध भिक्खुओं" को "नागा साधु" कहा जाता हैं| -- बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क

हनुमान का पसीना मछली के पेट में गया और मकरध्वज पैदा हुआ, लेखक भूल गया मछली अंडा देती है बच्चे नही। कौन समझाए पसीने में शुक्राणु नही होते है।  - सिद्धार्थ बागड़े





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