अयोध्या का फ़ैसला TPSG Tuesday, December 17, 2024, 01:27 PM हम पाँच जजों ने अयोध्या का फ़ैसला दिया। रात में ताज होटल में पार्टी की। सबसे महँगी दारू पी। खर्चा मैंने उठाया। हाथ में हाथ डालकर श्रृंखला बनाई। फ़ोटो खिंचवाई। किताब में छाप दिया। रिटायरमेंट के बाद अशोक भूषण और मुझे इनाम मिल गया है। चंद्रचूड़ समेत बाक़ी क़तार में हैं। ईवीएम एवं अयोध्या मामले का जजमेंट होने के ठीक पहले एक गंभीर साजिश रची गई । चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया न्यायमूर्ति रंजन गोगोई जी के ऊपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा जो कि उन्हीं की स्टॉफ़ महिला थी। जज साहब को ब्लैकमेल करके बीजेपी एवं आर एस एस ने दोनों फैसले अपने पक्ष में करवाया । फैसला पक्ष में आ जाने के बाद आरोपी एवं पीड़ित महिला दोनों निर्दोष। और उसी महीने जज साहब राज्यसभा सदस्य नामित किए गए। है ना कमाल की बात। क्योंकि न्यायपालिका अब ब्राह्मण पालिका बन चुकी है। इसीलिए अंग्रेजों ने ब्राह्मणों के न्यायाधीश बनने पर रोक लगा दी थी। यह कहकर कि ब्राह्मणों में न्यायिक चरित्र नहीं होता है। कमाल की बात यह भी है कि जो बात अंग्रेज 150 साल में समझ गए,वह बात आज तक 4000 साल के इतिहास में इस देश का मूलनिवासी बहुजन समाज नहीं समझ पाया। बायकॉट कॉलेजियम भन्ते आलार कालाम Tags : British understood judicial character Brahmin judiciary judiciary