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सुधीर कुमार जाटव

Sudhir Kumar Jatav

Tuesday, April 30, 2019, 04:46 PM
Holika

अगर होलिका जैसा कोई पात्र वास्तव में ही था तो लोग उससे बुरी तरह आतंकित थे। जिस तरह से ये होलिका दहन के बाद तीन चार दिन तक खुशियाँ मनाते हैं उससे यही लगता है कि उसने इन लोगो का अमन चैन छीन रखा था। एक औरत से इनका इतनी बुरी तरह आतंकित होना दर्शाता है कि ये कितने कायर और पिटे हुए लोग थे। - सुधीर कुमार जाटव





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