अक्टूबर 2021 विचार TPSG Thursday, October 14, 2021, 08:44 AM बलि-वामन कथा 8 वी-9 वी सदी के दरमियान वामनपुराण के रूप में लिखी गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य वास्तविक बौद्ध इतिहास को दबाना था| - प्रताप चाटसे रावण दसमार सेना का प्रतीक है| दसमार सेना दस बुराईयों का प्रतीक है, जिसपर विजय पाकर तथागत बुद्ध अच्छाई पर आधारित धम्म का निर्माण करते हैं| मार शब्द से ही राम और रावण (मारावण) शब्द बने हैं| मार का उलट शब्द राम है और मार के विरोधी बुद्ध है| - प्रताप चाटसे रावण कोई अलग व्यक्ति नहीं हैं, दसो मौर्य राजाओं का एक शरीर दस सिर सम्राट अशोक ही हैं, यही विद्वान महापंडित थे. - एस के सिंह बौद्धों के विनयपिटक (the Law code of Dhamma) के खिलाफ प्रतिक्रिया के रुप में ब्राम्हणों ने बोधायन, वसिष्ठ, गोतम, मनुस्मृति जैसे धर्मसुत्रों का निर्माण कर दिया था| विश्वप्रसिद्ध इतिहास संशोधक पैट्रिक ओलेविले बताते हैं कि, ब्राम्हणों ने ब्राम्हणवर्ग के फायदे के लिए इन धर्मसूत्रों का निर्माण कर दिया था| -- बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क वराहमिहिर कुल - गोत्र से मग ब्राह्मण थे। इसी कुल- गोत्र से पुष्यमित्र शुंग भी थे। एक की उपाधि मिहिर है और दूसरे की उपाधि मित्र है। मिहिर और मित्र दोनों का अर्थ सूर्य होता है । पारसी लोग सूर्योपासक थे। यह उपाधि पारसियों की है। वराहमिहिर और पुष्यमित्र शुंग दोनों परसियन थे। - राजेन्द्र प्रसाद सिंह बंगाल में दुर्गा पुजा का उत्सव सन 1790 के बाद शुरु हुआ, उसके पहले बंगाल में दुर्गा पुजा उत्सव नहीं मनाया जाता था| - सिद्धार्थ बागड़े Tags : Buddhist history purpose century Vamanapurana Bali-Vamana story