विचार-नवम्बर 2024 Rajendra Prasad Singh Sunday, November 3, 2024, 11:17 AM सूफी मत में मजार एक प्रकार से स्तूप है। खानकाह एक प्रकार से मठ है। सिलसिला एक प्रकार से गुरु-शिष्य परंपरा है और पीर जो है, वह स्थविर का अपभ्रंश है। सूफीवाद का मूल आधार बुद्धिज्म है। -प्रो. राजेंद्र प्रसाद सिंह 2013 में देश के 141 खरबपतियों में 16 गुजराती थे ! आज 189 खरबपतियों में से 162 गुजराती हैं ! यह कमाल कैसे हुआ ? - सिद्धार्थ बागड़े खाने से पहले कुछ हिस्सा बौद्ध भिक्षुओं के लिए रखा जाता था और फिर लोग अपना खाना खाते थे| राजा दुत्तगामिनी कहते हैं की उनके माता पिता ने यह आदत बचपन से उन्हें डाली थी| (Eastern Monasticism, p. 100) -डॉ. प्रताप चाटसे, BIN बौद्ध धर्म में आत्महत्या करना मना है| आत्महत्या करनेवाले भिक्षु को बुद्ध ने रोका और उसके बाद आत्महत्या के विरोध में विनय नियम बनाया| (Eastern monasticism, p. 152) - डॉ. प्रताप चाटसे, बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क तथागत बुद्ध की पहली मुर्ति उनके मित्र और अनुयायी कोसल नरेश प्रसेनजित ने बनवाई थी, जो चंदन की लकड़ी से बनीं थी और चीनी यात्री फाहयान ने सन 400 में वह मुर्ति साहेत (श्रावस्ती) में देखीं थीं| (Eastern monasticism, p. 200) -डॉ. प्रताप चाटसे, BIN ख्रिश्चनों को पहले "पिश्चिकुली" अर्थात "मत्स्यकुल" कहा जाता था क्योंकि मछली की तरह उनका पानी से बप्तिस्मा होता था| उनकी भाषा "पैशाची" जो "खरोष्ठी पाली" थी और पैशाची मतलब मत्स्य लोगों की भाषा| (Ant. of Church, 1) -डॉ. प्रताप चाटसे, BIN यहुदी बौद्ध प्रचारकों को थेरापुटी और इसेन्स कहा जाता था और उनका केंद्र वर्तमान जेरुसलेम था| अरबी बौद्ध प्रचारकों को मोबेद (महाबुध, महामुद, महामद) और बदोविन कहते थे और उनका केंद्र भी जेरुसलेम था| -डॉ. प्रताप चाटसे, BIN वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण वास्तव में "पुलत्स्य गोत्री ब्राह्मण" था| (Epic Mythology, by Hopkins, 1915, p. 142) - डॉ. प्रताप चाटसे, बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क संगितकार बौद्ध पुरूषों को प्राचीन काल में "किन्नर" कहते थे और संगितकार बौद्ध महिला को "किन्नरी" कहते थे| अरामिक शब्द "किन्नोर" का अर्थ "संगीत" होता है| (Manimekhalai, p. 9) - डॉ. प्रताप चाटसे, BIN "तेली" शब्द आरामिक "टेलिफोस (Telephos)" शब्द से बना है| तेलिफोस मतलब चमकदार बुद्ध या अमिताभ बुद्ध| अफगानिस्तान में बुद्ध स्तुप को तिल्या टेपे मतलब बुद्ध स्तुप कहा जाता था| (Hercules and Buddha, p. 6) अर्थात, तेली लोग अमिताभ बुद्ध के अनुयायी बौद्ध लोग है| -डॉ. प्रताप चाटसे, BIN सम्राट अशोक का सामंत नागराजा "अरवाल" को अशोक के धम्मप्रचारक अरहत मज्झंतिक ने धम्म अनुयायी बनाया था| बौद्ध नागराजा अरवाल से राजस्थान की पहाड़ी का नाम "अरवली पहाड़ी" नाम पडा है| (Mhv, 12.3.9) -डॉ. प्रताप चाटसे, BIN माननीय प्रविणदादा गायकवाड़ जी को "छत्रपति शिवाजी महाराज का बौद्ध धर्म से संबंध" यह बुक भेंट दिया गया| वर्तमान मराठा, कुणबी और ओबीसी प्राचीन बौद्ध लोग हैं| ब्राह्मणवाद उन्हें आपस में भिडाने का काम करता है, इसलिए ब्राह्मण धर्म (हिंदुधर्म) को छोडकर बुद्ध को अपनाना ही सर्वोत्तम मार्ग है| डॉ. प्रताप चाटसे Tags : tradition monastery Mazar Sufism