काम वासना का मनोविज्ञान Anil Golait anilgolait2017@gmail.com Wednesday, January 8, 2020, 08:31 AM काम वासना का मनोविज्ञान बच्चों की परवरिश किस तरह किस माहौल में होती है, महत्वपूर्ण है. रेपिस्ट अलग अलग प्रकार होते है। 1.धार्मिक रेपिस्ट:- यह ऐसे किताबो की रचना करते है, जिसमे लड़कियों/महिलाओं को बहला-फुसलाकर उनको दुष्कर्म की और आकर्षित किया जाता है,यह ऊँचे दर्ज के रेपिस्ट होते है. 2.कामवासना में स्वर्ग की कल्पना वाले:- यह कम ज्ञानी होते है, कामवासना पर यह दिनभर चिंतन करते रहते है, इसपर ही बात करते रहते है, इनका मकसद इतना ही रहता है, बस एकबार किसी कन्या को दुष्कर्म कर लिया जाय, इनका मकसद पूरा, यह अधिकतर ऐसे होते शराब के आदि होते है,सबूत नष्ट करने के लिए जान भी ले लेते है, यह क्रुर प्रकार के होते है. 3,कम पढेलिखे:- यह आवारा किस्म के होते है, लेकिन प्लानिंग में माहिर होते है, मदत के नामपर,या किसी ने बुलाया है, एसप्रकार बहाने बनाकर लड़की/महिला को गुमराह करते है, एकांत स्थान पर ले जाकर घटना को अंजाम देते है। 4,शादी का झांसा देंनेवाले:- शादी का झांसा देंनेवाले की आपसे शादी करेंगे, अब तो हम पतिपत्नी ऐसा कहकर लड़कियों को झांसे में लेकर दुष्कर्म का शिकार बनाते है। 5,कारण क्या है:-कामवासना पर शिक्षा का आभाव, कामवासना का गुणगान करने वाला साहित्य, धार्मिक साहित्य, बाजारू साहित्य, फिल्में, सीरियल, पत्र पत्रिकाएं, गवार लोगों की महफ़िल, जो इसबात को मानती है, दुनिया में कामवासना के अतिरिक्त बड़ा आनंद नही है, 6.समाधान:-यदि बच्चे पढ़ाई छोड़ चुके है, उनकी यदि लड़की हो तब 18 के बाद लड़की और 22 के बाद लड़के की शादी करनी चाहिए। यदि बच्चे अपने कैरियर बनाने मे व्यस्थ है, तब 25 से30 के दरमियान शादी कर देनी चाहिए। वैज्ञानिक आधार पर शिक्षा प्रदान करना चाहिए. महिलाओं और बच्चियों का सन्मान करना शिखाना चाहिए, बचाव के तौर तरीकों पर जानकारी देना चाहिए। जो साहित्य धार्मिक साहित्य, फिल्में सीरियल, नाटक इस प्रकार के कृत्य की प्रशंशा करते हो, उनपर प्रतिबन्ध की जरूरत है। 7,सादे वस्त्र में आवारा तत्वो पँर नजर रखने के लिए प्रशिक्षीत कर्मचारी की नियुक्ति करे, cctv कैमरे स्कूल कॉलेज ,चौराहे पर लगाने चाहिए. 8,रासलीला, फूहड़ नाटक, सीरियल, फिल्म, जो प्रेरित करे और इन घटनाओं की तरफ और प्रशँश्या करे, इनपर प्रतिबंध हो,और दंडात्मक कार्यवाही हो। 9,वैज्ञानिक तरीके से 12 साल के बाद बच्चों के शिक्षा में विषय श्यामिल करे, ताकि बच्चे अज्ञान न रहे। 10,शिक्षा के द्वार सभी तरफ खुले करे, मंदिरों पँर लिखे स्लोगन, महिला/बच्चियों को मूर्ति में स्पर्श मना है, आदि स्लोगन हटाये, यदि धार्मिक साहित्य में धर्म के नामपर दुष्कृत्य का गुणगान किया हो ऐसे साहित्य को प्रतिबंधित करे, जो कथाकार ऐसे बातों को बढ़ावा दे उसके कथा को प्रतिबंधित करे, सार्वजनिक स्थान पर किसी लड़की/महिलाओ के साथ कोही आवारा व्यक्ति घटनाओ को अंजाम देने की कोशिश करे, तब महिला/लड़की की सहायता करने की जागृति आम नागरिकों में निर्मित करे. 11,गलत धंदे में लगी महिला और पुरुषों की पहचान कर उनसे दुरी बनाएं उनके झांसे में न आने का प्रशिक्षण दे. 12,शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, ध्यान, अच्छे विचारों की किताबें, सत्संग, शरीरनश्वर पर शिक्षा के साथ, आध्यात्म की और ध्यान दिलाने वाले कार्यक्रम संचालित करे। 13,धार्मिक के नामपर महिलाओं को पुरुषो से कम दर्जा आकलन करने वाले संस्कृति और विचारो का त्याग करे,सबरीमाला जैसे घटना को प्रश्रय न दे उसका विरोध दर्ज करें, क्योंकि यही वे विचार है, जो महिलाओ पर अत्याचार के लिए प्रेरित करते है, महिला/लड़कियों का सन्मान करना लड़को को शिखाएं, एवम घर में लड़का/लड़की दोनों को सामान इज्जत दे, किसी को कम दर्जे न आके। *इस लेख का उद्देश्य रेपिस्ट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए है, यह लेख अपने में परिपूर्ण नही है,लेखक के अपने विचार है, जो विभिन्न पत्र पत्रिकाओं और सामाजिक वातावरण के विचारों पर है,किसी के धर्म या संस्कृति पर ,कटाक्ष करना इसका उधेश्य नही है। अनिल गोलाईत Tags : destroy evidence alcohol fulfilled purpose contemplating knowledgeable