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नागों की भूमि दीक्षाभूमि पर कब्जा

Ajay Narnavre

Friday, December 10, 2021, 12:22 PM
dikshaboomi

नागपुर,नागों की भूमि तथा दीक्षाभूमि पर आरएसएस के ब्राम्हणो का कब्जा होना एक बहुत बड़ा षड्यन्त्र है!
क्या दीक्षाभूमि को आरएसएस के ब्राम्हणो के नियंत्रण से मुक्त नही करना चाहिए?
रासु गवई के समय से दीक्षाभूमि पर ब्राम्हणो का कब्जा है।पंडित शर्मा को गवई ने दीक्षाभूमि पर लिया था। वह मरते दम तक वहाँ रहा। यह बात जैसे ही हमने प्रचार में लायी तब आरएसएस को लगा कि समाज जागरूक है और इससे बहुत बड़ा विद्रोह हो सकता है।नागपुर में फिर आरएसएस के ब्राम्हणो को इससे खतरा महसूस हुआ। पर्दे पर अब ब्राम्हणो का नाम न आये लेकिन दीक्षाभूमि पर नियंत्रण आरएसएस के ही ब्राम्हणो का रहे यह योजना उन्होंने बनाई। इसलिए दीक्षाभूमि का मैनेजमेंट के तौर पर आशीष द्विवेदी,डॉ.निर्झर कुलकर्णी,डॉ. अरविंद पी.जोशी जैसे ब्राम्हणो के हाथ में है। मोहन भागवत,देवेंद्र फडणवीस,नितिन गडकरी के अत्यंत नजदीकी यह ब्राम्हण है। इन ब्राम्हणो का दीक्षाभूमि पर क्या काम है? डॉ. अरविंद जोशी दीक्षाभूमि पर स्पोर्ट की 40 बचेस सवेरे ,श्याम चलाता है। यह उसे अनुमति किसने दी?
आरएसएस के तथा सरकारी कार्यक्रम का नियंत्रण का पूरा का पूरा इन 3 ब्राम्हणो के नियंत्रण में है। मोदी,भागवत,गडकरी,फडणवीस इन्हें दीक्षाभूमि पर लाने का श्रेय इन्ही ब्राम्हणो को है। खास बात यह है कि भिमाकोरेगाव का फसाद का मास्टरमाइंड देवेंद्र फडणवीस है इसके बावजूद वह सवेरे आरएसएस कार्यालय पर आरएसएस के ड्रेस पर रहता था और श्याम कोट पहनकर दीक्षाभूमि पर भाषण देने आया था। जिन्होंने भिमाकोरेगाव के जंग के द्विशताब्दी वर्ष पर फसाद करवाया उन्हें दीक्षाभूमि पर कैसे आने देते है?
दीक्षाभूमि का एम्स एंड ऑब्जेक्ट अभी तक पता नही चला।उनका कार्यक्रम,योजनाएं क्या है इसकी जानकारी लोगो को नही दी जाती।
महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी ने नागों की भूमि नागपुर में ब्राम्हणी धर्म को लात मारकर बहुजनो का मूल धर्म बौद्ध धर्म को पुनर्जीवित किया था। सावरकर, गोलवलकर, दत्ता ठेंगड़ी से लेकर आरएसएस के सभी प्रमुखों को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी के धम्म क्रांति से डर था और आज भी है। इस क्रांतिकारी केंद्र पर आरएसएस के ब्राम्हणो द्वारा कब्जा करवाना एक बहुत बड़ा षड्यन्त्र है। दीक्षाभूमि विदेशी ब्राम्हणो के नियंत्रण, कब्जे से मुक्त करने का अभियान,आंदोलन बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क चलाएगा ऐसा हम संकल्प करते है। क्यों कि यह हमारे पुरखो की विरासत है उसपर आरएसएस के ब्राम्हणो का क्या काम है?
 पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य साम्राज्य में घुसपैठ की उसके कारण ही उसे महान सम्राट अशोक का परपोता सम्राट बृहद्रथ मौर्य की हत्या करने का अवसर मिला। नागपुर के बौद्ध इतिहास से सबक नही लेंगे?
आरएसएस के ब्राम्हणो को साथ सहयोग देनेवाले कुछ गद्दारों से भी दीक्षाभूमि बचाना होगा।
-डॉ. विलास खरात
राष्ट्रीय प्रभारी,बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क,नई दिल्ली।





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