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बुद्ध वन्दना से ही भारत का कानून

Nilesh Vaidh
nileshvaidh149@gmail.com
Thursday, December 9, 2021, 12:30 PM
buddh vandana

बुद्ध वन्दना से ही भारत का कानून बना है, 

1)पाणातिपाता वेरमणि सीक्खापदम् सम्मादीयामी !
अर्थ-
:(मैं प्राणि-हिंसा से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ !)
धारा 302.303,304,304ए,304बी,*307,308,309,*323,324,,326,328,332,333 आदि।
2)आदिन्नादाना वेरमणी सिक्खापदम् समादियामी!
अर्थ:
(मैं चोरी से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ !)
धारा-
327,379,380,381,382,384,385,386,392,393,394,395,396,397,398,399 आदि।
3)कामेसूमीच्छाचारा वेरमणाी सिक्खापदम् समादियामी!
अर्थ-
(मैं व्यभिचार से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ !)
धारा-
354,355,376,377,509 आदि।
4)मुसावादा वेरमणाी सिक्खापदम् समादियामी।
अर्थ-
(मैं झूठ बोलने से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ !)
धारा-
394,305,306,420,509 आदि।
5)सुरामेरयमज्जपमादठटाना वेरमणाी सिक्खापदम् *समादियामी !*
अर्थ-
(मैं सुरा=पक्की शराब+मेरय=कच्ची शराब, मज्जपमादठटाना=नशीली चीजों के सेवन से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ !)
धारा-
85,510,34,4/13,जुआ एक्ट 8/20 नार्कोटीक्स एक्ट आदि।
अतः हर भारतीयों को बौद्ध धम्म  के अनुसार अपना जीवन- यापन करना चाहिए।
(भारत संवैधानिक तौर पर बुद्ध के धम्म  से चलता है । भारत की मुद्रा पर भी अशोक चक्र,अशोक स्तम्भ हैं)
साथियों, मेरा निवेदन है कि हर एक भारतीय को यह मालूम हो जाय कि बुद्ध और उनका धम्म कितना प्रभावशाली है, कितना मानवतावादी है।





Tags : Buddha Vandana Law of India