जनजाग्रति का आंदोलन Anil Golait anilgolait2017@gmail.com Friday, May 17, 2019, 08:06 AM जनजाग्रति का आंदोलन मैं आज कुछ महत्वपुर्ण बात लिखना चाह रहा हूं, ध्यान देकर आप चितंन मनन करना, हम लोग योग्यता के मामले में किसी से कम नही हैं, बस हम लोग ईमानदार हैं, यह हमारी ताकत हैं, कमजोरी नही, परन्तु बामनों के द्वारा बनाई व्यवस्था भ्रष्टाचार को सपोर्ट करती हैं, उसकी बनाई व्यवस्था हमारे समाज ही नहीं, परिवार के लिए भी हानिकारक है। सुबह जब आप उठते हो, झाडू लिए सफाई वाला दिखता हैं, मन में एक बात आती हैं, यह नीच जाति का हैं, सवाल यह विचारधारा किसने हमारे दिमाग में डाली, यही बामनवाद हैं, यह शोषण की विचारधारा हैं, 3.5 प्रतिशत बामनों के लीडर जो लेखक थे, उन्होंनें ऐसी घटिया व्यवस्था, लिखित रूप में, धर्म के नाम पर तैयार कराई, जिसमे ईश्वर और धर्म, का नाम देकर आपकों गुलाम बनाया, 3.5 प्रतिशत की व्यवस्था काफी मेहनत करके बामनों ने बनाई और सामाजिक, मानसिक, आर्थिक, शैक्षणिक, धार्मिक, राजनैतिक गुलाम इस व्यवस्था के तहत गुलाम आपको और आपके समाज को गुलाम बनाया। हमारे भाई लोग कदं टेस्ट पर आज भी विश्वास नहीं कर पा रहें कि युरेशियन बामन विदेशी है, सर्वप्रथम व्यवस्था परिवर्तन का नारा तथागत बुद्ध ने दिया, धम्म राज्य अर्थात नैतिक राज्य की स्थापना की बात कही, बामन बुद्ध के साथ थे, बुद्ध के सशक्त लीड़रशिप का परिणाम यह था 100 प्रतिशत सरेण्डर होकर बामनों ने बुद्ध के साथ प्रचार प्रसार का कार्य किया, बुद्ध के जाने के बाद उन्होने संघ से आनंद थेरा जो तथागत के शिष्य थे, साथ में रखने से तक मना किया, यह विचारों में घुसपैठ करना और बुद्ध के आंदोलन को कमजोर करने की बामनी योजना थी उन्होने सम्राट अशोक के साथ रहकर, और घुसपैठ करके, वैचारिक मतभेद फैलाने की काफी कोशिश की, और अशोक के नाती के साथ, जो कि बृदरथ के साथ विश्वास घात करके, बामन सेनापती पुष्पमित्र शुंग राजा बना, उसके राजदरबारी कवि वाल्मीकी ने उसकी प्रसंशा में महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना, करवाकर पुष्पमित्र शुंग को राम घोषित करवाया, साकेत को बगैर युद्ध से जीती राजधानी अयोध्या घोषित कराया, जिसका प्रमाण वोल्गा से गंगा में आता हैं, जो कि बामन भिक्शु राहुल सांस्कृत्यायन द्वारा लिखित किताब प्रमाण के रूप में आप पढ़ सकतें हैं, यही नही हमारे संत तुकाराम को षडयंत्र के साथ खत्म करके होली के दिन उन्हे वैकुंठ में गयें, यह बताया, शिवाजी महाराज को अपमानित कराया। शुद्र राजा नही बन सकता, जब तक राज्यभिषेक ना हो, उस स्थिती में गाजाभट्ट नामक बामन ने दाहिने पैर के अंगुठे से राज्याभिषेक करवाकर उनको अपमानित करवाया, हमारे महापूरूषों को अपमानित और गुलामी को बरकरार रखने के लिए त्यौहार बनायें, जो आपको गुलाम बनाकर रख सकें, चूंकि बाम्हण युरेशियन विदेशी है, महिलाएँ भारत की हैं, इनको भी धार्मिक ग्रंथ, ईश्वर का डर दिखाकर उन्हें भी अपमानित करवाया बाबासाहब को रहने के लिए मकान नहीं देने दिया, पानी पीने के लिए आंदोलन करना पड़ा, आज भी वे बाबा को भक्त बनानें के फिराक में हैं। हमें बाबासाहब ने बड़े संघर्ष से अधिकार दिलाये 3.5 प्रतिशत बामनों के लीडरों से सावधान रहना होगा। बहुजन के नाम से पार्टी बनाकर हमारे लोगों का सहयोग लेकर बामनों को आगे बढ़ाने में जो लोग लगे हैं, वे समाज को गुमराह ही कर रहे हैं, बाबासाहब सामाजिक ढांचा सुधारने की बात करते है, क्या बामन जाति व्यवस्था खत्म करने के लिए आपका साथ देगा, यह विचारनीय बिन्दू हैं, जो व्यवस्था बामनों को फ्री में पैसा सन्मान, मान, पद दे रही है बामन क्यों छोड़ेगे, 3.5 प्रतिशत को बगैर साथ लिए कार्य करना होगा, दोस्त और दुश्मन की, जिनको पहचान नहीं हैं, उनके साथ काम करतें रहने में क्या फायदा। सम्पूर्ण आजादी का अर्थ हमारे आंदोलन को मजबूत करना, दुश्मन के आंदोलन को कमजोर करना, यदि सत्ता के लालच में युरेशियन बामनों को आपने मजबूत किया तो, आपको बहोत भारी पड़ने वाला है, रोहित वेमूला का केस गांवो में हो रहे अत्याचार संविधान का खुलेआम उल्लंघन युरेशियन बामन हमारे मंदबुद्धि लोगों का सहयोग लेकर पर्दे के पीछे रहकर अपना विषमता वादी आंदोलन को मजबूत कर रहा हैं हमारी समस्या का कारण हमारी अग्यानता हैं, इसलिए हमें बुद्धिवादी, तर्क शाक्ति पर आधारित मुलानिवासीयों के आजादी का जनजाग्रति वाला आंदोलन चलाना होगा। - अनिल गोलाईत Tags : writers leader exploitation barbarism ideology caste mind looks sweeper morning