माननीय वामन मेश्राम साहब एक असली सेनापति है Anil Golait anilgolait2017@gmail.com Thursday, February 18, 2021, 11:09 AM माननीय वामन मेश्राम साहब एक असली सेनापति है "कुछ दिन पहले मैने सोशल मिड़ीया {फेसबुक} पर एक सवाल निर्माण किया था की, आज की तारीख में हमारे मूलनिवासी - बहुजन महापुरूषों का आंदोलन कौनसा नेता चला रहा है? उस पोस्ट में मैने कुछ नेताओं के नाम भी लिखे थे । क्योंकी, मै उस सवाल के जरिए लोगों के मन की बात तथा सोशल मिड़ीया पर लोग सबसे ज्यादा किस व्यक्ती / नेता / नेतृत्व को पसंद करते है? यह बात जानने के लिए मैने ऐसा सवाल निर्माण किया था । यह सवाल एक दुसरे की तुलना {कम्पेअर} करणे के लिए बिल्कुल भी नही था । उस सवाल / पोस्ट की खासियत यह थी की, उसे १००० से अधिक लोगोंने पसंद किया, २००० से अधिक लोगोंने ने चर्चा की और ७०० से अधिक लोगोंने शेयर किया था । जब ब्राह्मणों का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मिड़ीया उनकी पार्टी / संगठन / लोग और नेताओं के बारे में ऐसी चर्चा कर सकते है? / रख सकते है? तो हम क्यों नही? इसलिए मैने वह विषय रखा था की, आज की तारीख में हमारे मूलनिवासी - बहुजन महापुरूषों का आंदोलन कौन चला रहा है? उस पोस्ट पर लोगों ने सबसे ज्यादा मा. वामन मेश्राम साहब को ही चूना था । यही उस विषय की सबसे बड़ी खासियत थी । आज भारत देश में ही नही, बल्की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बामसेफ / बामसेफ के सभी आॅफशुट विंग और मा. वामन मेश्राम साहब के ही नाम की चर्चा है । आज भारत देश में मा. वामन मेश्राम साहब जैसा एक भी सच्चा / ताकदवर / कुशल नेतृत्व नही है । उन्होंने लाखो / करोड़ो नेतृत्व का निर्माण किया है । आज भारत देश में हमारे मूलनिवासी - बहुजन महापुरूषों का आंदोलन अगर कौनसा व्यक्ति चला रहा है? तो वह सिर्फ बामसेफ / भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. वामन मेश्राम साहब ही है । आज भारत देश में मा. वामन मेश्राम साहब जैसा ना कोई नेता है, और ना ही कोई कुशल संगठक है । बुध्द कालखंड़ से लेकर आज तक भारत देश में हमारे जितने भी मूलनिवासी - बहुजन महापुरूषों ने आंदोलन चलाये है, वह सिर्फ ब्राह्मणी व्यवस्था के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन के ही आंदोलन थे । और आज वही व्यवस्था परिवर्तन का आंदोलन बामसेफ जैसा राष्ट्रव्यापी संगठन चला रहा है । आज भारत देश में रहनेवाला विदेशी ब्राह्मण अगर किसीसे पंगा / टक्कर लेने से ड़रता है? तो वह सिर्फ बामसेफ {ऑफशुट विंग} बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. वामन मेश्राम साहब और बामसेफ के सभी कार्यकर्ताओं से ड़रता है । क्योंकी, ब्राह्मण लोग जानते है की, मा. वामन मेश्राम साहब के साथ ५६ से अधिक सहयोगी संगठनाओं की ताकद खड़ी है । यह ताकद देश के हर एक कोने में फैली हुयी है । इसलिए बामसेफ के आंदोलन में शामिल होना हर एक मूलनिवासी - बहुजन भाईयों की जिम्मेदारी बनती है । ड़ाॅ. बाबासाहब आंबेडकर ने एक जगह पर कहाँ था की, मेरा जनम और मेरा पालन - पोषण जिन बहिष्कृत लोगों के बीच हुआ है । और मैं जिनके बीच में रहता हुँ । उनकी सेवा तथा उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित करने का मैंने दृढ़ संकल्प किया है । मैं अपने सही रास्ते से एक इंच भी पीछे हटनेवाला नहीं हुँ । और नाहीं विरोधियों द्वारा मेरे ऊपर होने वाली उग्र तथा तीरस्कार युक्त निंदा की मै परवाह करनेवाला हुँ । बामसेफ और भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. वामन मेश्राम साहब भी कहते है की, जब तक मैं इस देश के बहुजनो को ब्राह्मणों की गुलामी से आजाद नहीं करता, तब तक मैं इस दुनिया से जाने वाला नहीं हुँ । हमारे सभी मूलनिवासी - बहुजन महापुरूष हो । चाहे ड़ाॅ. बाबासाहब आंबेडकर हो । चाहे मा. कांशीरामजी साहब हो । चाहे मा. वामन मेश्राम साहब ही क्यों ना हो । उनकी यह बाते कोई मामूली बाते नही है । यह बहुत बड़ी बातें है । जिन्हे अपने और अपने मूलनिवासी - बहुजन समाज पर विश्वास हो, वही ऐसी बाते कर सकते है । इसलिए वर्तमान में हमारे महापुरूषों के आंदोलन का असली वारीस और उनके आंदोलन का असली सेनापती अगर कोई है? तो वह बामसेफ / भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. वामन मेश्राम ही है । मा. वामन मेश्राम ही हमारे मूलनिवासी - बहुजन महापुरूषों को अभिप्रेत समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकते है । ऐसा मेरा स्पष्ट रुप से कहना है". - निरंजन लांडगे. (भारत मुक्ति मोर्चा) Tags : movement leadership mother in India Vaman Meshram offshoot internationally India Today