अपना फेंकु भाई Sudhir Kumar Jatav Tuesday, April 30, 2019, 04:31 PM अपना फेंकु भाई एक बार एक गाँव में सूखा पड़ गया। पूरे गाँव में भूखमरी फैल गयी। लोग भूख से मरने लगे। गाँव वालो ने मिलकर खूब यज्ञ और हवन किये लेकिन नतीजे वही ढांक के तीन पाँत। एक दिन उस गाँव से एक साधू गुजरा। उससे गाँव की दुर्दशा देखी नहीं गयी। उसने गाँव वालो से बताया गुजरात में एक फेंकू भाई रहते हैं, वो कोई भी कार्य कर सकते हैं। दुनिया का ऐसा कोई भी काम नहीं है जो वो नहीं कर सकें। आपको उनकी शरण में जाना चाहिए। वो अवश्य ही आपकी सहायता करेंगे। सभी गाँव वालो ने मिलकर फेंकू भाई के पास गुजरात जाने का निर्णय लिया। कई दिनों की लम्बी यात्रा के बाद वो गुजरात के फेंकू भाई के पास पहुँचे। फेंकू भाई ने उनकी समस्या सुनकर उनके साथ चलने का निर्णय लिया। फेंकू भाई ने उनको खाने के लिए चना मँगाया। जब गाँव वालो ने चने को देखा तो उनकी आँखे फटी की फटी रह गयी। चने का आकार इतना बड़ा था जितना बड़ा हाथी होता है। फेंकू भाई ने उस चने को अपनी पाकशाला में उबालकर सभी लोगो को खाने के लिए दिया और बाकि को अपने गाँव ले जाने के लिए कह दिया। अब गाँव वालो के सामने बड़ी समस्या हो गयी कि इतने बड़े चने को वो अपने गाँव कैसे ले जायेंगे। उनकी समस्या को देखकर फेंकू भाई ने कहा आप इसकी चिंता मत करो, इसको ले चलने का प्रबंध भी हम करेंगे। फेंकू भाई ने अपने पशु गृह से एक पालतू चूहा मँगाया । उस चूहे को देखकर सभी गाँव वाले बेहोश हो गए। चूहे का आकर पचास हाथियों से भी बड़ा था । होश में आने के बाद फेंकू भाई ने चने को चूहे पर लदवाया और उसमे एक बाँस रखवाया। वो बाँस इतना लम्बा था कि गाँव वालो को कहीं भी उसका आदि अंत नहीं दीख रहा था। अब सभी लोग चूहे पर बैठ गए तो देखा चूहा आसमान में उड़ने लगा। सभी फेंकू भाई के जयकारे लगाने लगे। गाँव में पहुँचने के बाद फेंकू भाई ने चने को सारे गाँव में बँटवाया। सभी ग्रामवासियों ने काफी समय बाद पेट भर भोजन किया था। भूख शांत करने के बाद फेंकू भाई ने अपना बाँस मँगाया और उससे बादल में छेद कर दिए जिससे गाँव में मूसलाधार बारिश होने लगी। जब बारिश पर्याप्त मात्रा में हो गयी तो गाँव वालों ने उसको बंद करवाने के लिए फेंकू भाई से प्रार्थना की। फेंकू भाई ने फेविकोल मंगाकर उसको मुंह में भरकर आसमान की तरफ थूक दिया। फेंकू भाई का थूक बादलो के छेद पर जाकर चिपक गया और बारिश होनी बंद हो गयी। सभी गांववासियों ने फेंकू भाई का मंदिर बनाकर उनको पूजना शुरू कर दिया और तब से आज तक वहाँ पर कभी सूखा नहीं पडा है। - सुधीर कुमार जाटव Tags : elephant gram eat problem Fenkir journey Fenquan Gujarat