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गंगा में स्नान

Sudhir Kumar Jatav

Tuesday, April 30, 2019, 05:06 PM
Ganga

गंगा में स्नान
रामू और पप्पू दो दोस्त थे। रामू एक उद्दंड और दूसरों को सताने वाला आदमी था। पप्पू उसके इस व्यवहार से दुखी रहता था और उसको ऐसे कार्य करने से मना करता था। रामू किसी की कहाँ सुनने वाला था। एक दिन रामू पप्पू के पास आया और पप्पू से कहने लगा - रामू - देख भाई पप्पू तू हमेशा मुझको गलत काम करने से रोकता था लेकिन मैंने तेरी एक नहीं सुनी। अब हम गंगा स्नान को चलते हैं। गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं।
पप्पू - देख भाई रामू। मैंने ना तो कोई पाप किया है और ना ही मुझको गंगा स्नान की कोई जरुरत है ।
रामू - देख भाई तुझको मेरे साथ चलना ही होगा। आखिर मुझको अपने अब तक के सारे बुरे कर्मों से माफी और छुटकारा चाहिए।
पप्पू - तो क्या गंगा स्नान से सारे गुनाह माफ हो जाते हैं ?
रामू - बिल्कुल अपने पापो की माफी लेने के लिए ही मैं गंगा स्नान करने जा रहा हूँ।
पप्पू - एक काम कर तू थोड़ी देर मैं भी एक पाप कर लूँ ताकि मैं भी अपने अपराधों की माफी माँग लूँ।
रामू - हाँ बिल्कुल तू भी एक दो पाप कर ले माफ करवाने के लिए।
पप्पू अंदर गया और एक मोटी सी लाठी लेकर आया और इससे पहले कि रामू कुछ समझ पाता। उसने लाठी लेकर रामू पर दनादन बजाकर टांग तोड़ दी। 
रामू - पप्पू ये तूने क्या किया ? भगवान तुझको कभी माफ नहीं करेगा। मेरी टांग तोड़कर तुझको क्या मिला ? 
पप्पू - देख जब तुझको एक स्नान करने से तेरे सारे जीवन के पाप गंगा मैया धो देगी तो मैंने तो तेरी टांग ही तोडी है। मैं तो तेरी आँख और फोड़ने की सोच रहा हूँ ।
रामू फौरन तेज सरकता हुआ वहाँ से निकल लिया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा ।
सुधीर कुमार जाटव

 





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