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एल्लोरा बौद्ध कैव्स

Narendra Shende
narendra.895@rediffmail.com
Sunday, February 9, 2025, 03:34 PM
ellora

एल्लोरा बौद्ध कैव्स मे दो स्त्री एक मगर पर और दूसरी कछुवा पर कौन है.

अक्सर एल्लोरा कैव्स के गाइड इन्हे देवी गंगा और देवी यमुना कहते है.

यह दो स्त्री की मूर्ति ईसा के बाद 6 वी सादी की एल्लोरा बौद्ध कैव्स मे ऊकेरी गई है जो वज्रयान बौद्ध संप्रदाय से तालुक रखती है.

पर मूर्तिओ के बारे मे जो जानकारी गाइड देते है ये सत्य नहीं है और बौद्ध धम्म निसर्ग के नियमों पर आधारित धम्म होने के बौजूद गंगा और यमुना नदी की पूजा को प्रोसहित नहीं करता, बौद्ध धम्म मे गंगा और यमुना केवल सामान्य नदिया है.

तथागत बुद्ध ने अपने जीवन काल मे गंगा मे नाहा कर पवित्र होने वाले ब्रम्हाण लोगो का खंडन किया है, थेरी गाथा मे एक महा थेरी कहती है ब्राम्हण गंगा मे नाहा कर पवित्र होते है तो इस गंगा मे रहने वाले प्राणी तो इतने पवित्र हो गए होंगे.

फिर बौद्ध अपने कैव्स मे गंगा और यमुना नदी की मूर्तिया क्यों बनाएगे.

बौद्ध धम्म मे एक बोधिस्सत्व है मंजुनाथ / मंजूश्री पुरष जिनकी दो सहचारणी है, पत्नियां

1) मगर पर स्वर जो मंजुनाथ की पत्नी है,वह ह केशीनी.

2)कछुव पर स्वर जो मंजुनाथ की पत्नी है, वह है उपकेशीनी.

शायद केशीनी और उपकेशीनी की मूर्तिया से प्रेरणा पाकर ब्राम्हण लोगो ने गंगा और यमुना की मूर्ति की कल्पना की.

बोधि सत्व मंजुश्री / मंजुनाथ को काठमांडू नगर नेपाल का निर्माता मनाजाता है, काठमांडू के वज्रयान बौद्ध स्वयंबू महा चेत्य का संस्थापक भी.

नेपाल के वज्रयान बौद्ध साहित्य के स्वयंबू पुराण मे बोधिसत्व मंजुश्री / मंजुनाथ, उनकी पत्नियां केशीनी और उपकेशीनी के बारे मे काठमांडू नगर और स्वयंबू महा चेत्य के निर्माण की पूरी जानकारी उपलब्ध है.

मूर्तियो का विवरण

1) बोधिसत्व मंजुनाथ जी की पहली पत्नी केशीनी की मूर्ति एल्लोरा कैव्स

2)बोधिसत्व मंजुनाथ जी की दूसरी पत्नी उपकेशीनी की मूर्ति एल्लोरा कैव्स

3) बोधिसत्व मंजुनाथ जी अपने दोनों पत्नी केशीनी और उपकेशीनी के साथ, नेपाल.

✍️ राकेश गजभिये





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