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लौंग

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Monday, June 24, 2019, 08:11 PM
Cloves

लौंग
    दिखने में छोटी लगने वाली लौंग में ढेंरों गुण भरे हुए हैे। यह जितनी छोटी हैं, इसके गुणों के पुलिंदे उतने ही मोटे हैं। लौंग दंत क्षय को रोकती है और मुंह की दुर्गंध को दूर भगाती हैं। इसके अलावा ईरान और चीन में तो ऐसा भी माना जाता था कि लौंग में कामोत्तेजक ग्रण होते हैे।
    लौंग में मौजूद तत्वों का विश्लेषण किया जाए तो इसमें कार्बोहाइड्रेट, नमी, प्रोटीन, वाष्पशील तेल, गैर-वाष्पशील ईधर निचोड़ और रेशों से बना होता है। इसके अलावा खनिज पदार्थ, हाइड्रोक्लोरिक एसिड में न घुलने वाली राख, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा, सोडियम, पोटेशियम, थायामाइन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन सी और ए भी लौंग में पाए जाते हैं। इसका उष्मीय मान 43 डिग्री है और इससे कई तरह के औषधीय व भौतिक तत्व लिए जाते हैं।
    लौंग में अनेक औषधीय गुण होते हैं। ये उत्तेजना देते हैं और पेट फूलने की स्थिति को कम करते हैं। भारतीय औषधीय प्रणाली में लौंग का उपयोग कई स्थितियों में किया जाता हैं। लौंग को या तो चूर्ण के रूप में लिया जाता हैं या फिर उसका काढ़ा बनाया जाता हैं। लौंग के तेल में भी ऐसे अंश होते हैं, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित रखते हैं। लौंग के तेल को बाहरी त्वचा पर लगाने से त्वचा पर उत्तेजक प्रभाव दिखाई देते हैं। त्वचा लाल हो जाती हैं और उष्मा उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा लौंग एंजाइम के बहाव को बढ़ावा देती है और पाचन क्रिया को भी तेज करती हैं। हैजे के उपचार में भी लौंग बहुत उपयोगी सिद्ध होती हैं। इसके लिए चार ग्राम लौंग को तीन लीटर पानी में तब तक उबाला जाता है जब तक कि आधा पानी भाप बनकर गायब न हो जाए। इस पानी को पीने से रोग के तीव्र लक्षण तुरंत काबू में आ जाते हैं। नमक के साथ लौंग चबाने से थूकने में आसानी होती हैं, गले का दर्द कम हो जाता है और जलन भी बंद हो जाती है।





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