अरहर TPSG Monday, June 24, 2019, 08:29 PM अरहर अरहर की दाल खुश्क, कफ और पित्त के दोषों को शांत करने वाली होती है। अरहर की दाल भारत के सिवा अन्य किसी देश में नहीं होती। अरहर मुख्यत सफेद, लाल व काले रंग की होती है। यह रूचिकारक, बलकारक, ज्वरनाशक तथा पित्तदोषादि रोगों को दूर करने वाली होती है। अरहर की बिना छिलके की दाल में प्रोटीन, वसा, विटामिन ए, विटामिन बी, खनिज लवण, कार्बोज, फास्फोरस व लौह होता है। अरहर की दाल खुश्क, कफ और पित्त के दोषों को शांत करने वाली होती है। अरहर की दाल भारत के सिवा अन्य किसी देश में नहीं होती। अरहर मुख्यत सफेद, लाल व काले रंग की होती है। यह रूचिकारक, बलकारक, ज्वरनाशक तथा पित्तदोषादि रोगों को दूर करने वाली होती है। - अरहर की दाल को पानी में भिगोकर, पीसकर व छानकर पिलाने से भांग का नशा उतर जाता है। - अरहर के पत्तों का रस व दूब का रस समभाग मिलाकर नस्य देने से आधा सीसी का दर्द शांत हो जाता है। - अरहर के पत्तों को दही के साथ पीसकर खुजली पर लगाने से खुजली ठीक हो जाती है। - अरहर की दाल को पीसकर उसकी पुलटिस सूजन पर बांधने से सूजन उतर जाती है। - अरहर के कोमल पत्ते चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते है। - अरहर के पत्तो को पीसकर कटे घाव पर बांधने से घाव शीघ्र ठीक हो जाता है। - अरहर के पत्ते और मिश्री की डली एक साथ मुंह में रखकर चबाने में खांसी में लाभ होता है। - अरहर की दाल को गोमूत्र में घिसकर आंख में आंजने से मूर्च्छा दूर हो जाती है। - अरहर की दाल के जूस में घी मिलाकर पीने से माता के स्तन में दूध अधिक होने लगता है। - अरहर की दाल को पानी के साथ पीसकर दिन में 2-3 बार आंख की फुंसी पर लगाने से वह ठीक हो जाती है। - दो तोला अरहर के पत्तों को पानी के साथ पीसकर उसे 10-15 तोला पानी में घोलकर व छानकर पीने से एक ही खुराक में रक्त प्रदर में लाभ होता है। - अरहर के पत्तों का रस बार-बार पिलाने से अफीम व विष उतर जाता है। Tags : antipyretic forceful remedial black white India country available Arhar