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SAMRAT ASHOK INSCRIPTION

Vishal Kadve
vishalk030@gmail.com
Sunday, October 22, 2023, 02:21 PM
SAMRAT ASHOKA

में शिलालेख हूॅ..

 

पत्थर पर लिखी ईबादत हू..

मै शिलालेख हू..

न मिटनेवाली अमिट छाप हू..!

 

अतुल्य भारत के आंगण का

मै वो सजग प्रहरी हू..

बुध्द धम्म पर चलनेवाला

मै वो धम्म सिपाई हू..!

 

पत्थर में लिखे  शिलालेख

जिक्र आज मेरा करते है..

प्रबुद्ध भारत की हू शान मै,

ऐसा गीत वो गाते है..!

 

कलिंग युध्द के त्राहिमाम से

हृदय मेरा द्रवित हुआ,

तलवार की धार छोडकर

धम्म मार्गपर आरूढ हुआ..!

 

बुध्द धम्म की विजयपताका

इस धरती पर लहराना था,

बुध्द, धम्म, संघ का निनाद

चारों और फहराना था!

 

84 हजार बौध्द स्तूपों का

मैने ही निर्माण किया..

कण कण में बुध्द है

ये जग को मैने बतलाया..!

 

शाश्वत कोई चीजे नहीं

ये मै भी समझता था,

लेकिन अपनी अगली पिढी को भी

विरासत अपनी सौंपना था!

 

लिखे शिलालेख धम्मलीपी में ताकी तूम जान सको,

बौध्द धम्म के महान सम्राट की

जिजिविषा तूम समझ सको!

 

तथागत बुध्द के मार्ग को

इस भूमी पर बिछा दिया,

धम्म ही आपका सारथी है

इस सत्य तक आपको

पहुचा दिया!

 

जतन करो ये मेरे सपुतों

ये शिलालेख तुम्हारी पहचान है,

बुध्द धम्म के पहचान की

ये ही सच्ची निशानी है..!

 

सरिता सातारडे, नागपूर





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