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संविधान के नियमों का सही तरीके से पालन होता तो

Kisan Bothey

Thursday, July 4, 2019, 08:01 AM
Savidhan

संविधान के नियमों का सही तरीके से पालन होता तो
संविधान के द्वारा बनाये गये कानूनों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा मनुवादियों में ही होती हैं वह हमेशा संविधान में काट छांट में ही लगे रहते है और अपने सारे दोष को कानून की कमजोरी बता कर अपने स्वच्छता का प्रमाण देने की कोशिश करते है। इन मनुवादियों ने संविधान में इतने संसोधनों कर चुके है कि आज देश की हालात बद से बदतर हो गयी है। जब कोई मनुवादी लोग भष्टाचार अधिक करता है तो अपने को बचाने के लिए संविधान संशोधन का मौका तलाशता है। गांव से लेकर संसद तक यहां तक मठों में बैठे मठाधीश सभी संविधान के कानूनों पर ही अपने दोष मढ़ते हैं। वह जनता में सिर्फ यही प्रचार करते है कि भारत में संविधान में कड़े कानून नहीं है इसलिए संविधान का संशोेधन होना चाहिए ऐसा मनुवादी लोग कहते हेैं। अब तक जो मनुवादी लोग शासन सत्ता से बाहर होते है तो वे इस तरह का प्रचार करते हैं। एक तरह देखा जाये तो देश का कोई भी मनुवादी इस तरह से कहने के लिए बचा नहंी है और इसी के चलते यह अभियान भी चला रहें लोकयुक्त के नाम पर उनका मकसद है की संविधान से भी ऊपर एक ऐसा कानून बना दिया जाय जिसमें केवल दक्ष मनुवादी मिलकर नेतृत्व करें और शासन तंत्र केवल 10-12 लोगों के अन्दर हो वे जो चाहे वह कर सकें। 
ऐसा मामला राजस्थान, उत्तरप्रदेश में जोर पकड़ता जा रहा हैं। सरकार में बैठे मनुवादियों की पूरी कोशिश यह है कि किस तरह संविधान के कानून को खत्म किया। आज जो संविधान में कानून है अगर उस कानून का सही तरीके से पालन किया जाय तो एक भी भ्रष्टाचारी मनुवादी लोग बाहर नहीं होगे बल्कि वह जेल की सलाखों के पीछे होंगें। सारे के सारे जेल में होगे जिससे भारत की सारी जेले छोटी पड़ जायेगी। जिसकों मनुवादी लोग अच्छी तरह से जानते है, इसलिए उनकी कोशिश लगातार जारी है कि तरह से संविधान कानून से छुटकारा पाया जाय और वह संविधान को कमजोर बताकर अपने हिसाब से कानून बनाना चाहते हैं। यही ब्राह्मणवादी मानसिकता है।
- किशन बोथे





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