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दिलीप मोरे मेरी आवाज मेरी कलम

Dilip More

Thursday, November 21, 2024, 11:24 AM
my voice

भोजन दान।
आज वर्तमान में बुध विहारों में भोजन दान का प्रचलन बहुत होता जा रहा है , वर्षा वास के बाद बुध विहारों में भोजन दान का कार्यक्रम रखा जाता है, और उसके लिए चन्दा इकट्ठा करना प्रारंभ हो जाता, उस इकट्ठे किए हुए पैसे से भोजन दान दिया जाता है, लोग भोजन करते हैं और चले जाते हैं, लेकिन उनका पेट कभी नहीं भरता है, फिर दूसरे दिन घर पर भोजन खाना पड़ता है, जन्म से मृत्यु तक भोजन करते ही रहते हैं, जिस प्रकार से अन्य धर्मों में भंडारा  किया जाता है उसी तरह बौद्ध धम्म में भी कुछ ग़लत विचार धारा वाले लोगो ने भोजन दान, भंडारा प्रारंभ कर दिया है, जहां से चले ते फिर वही पहुंच गए, इस कार्यक्रम में पैसा  बेफिजूल खर्च करते हैं उस पैसा का सदुपयोग नहीं हो रहा है भोजन दान  उन विद्वान भनते भिखूओ दिया जाता है जो धम्म के कार्य में लगे रहते जिनका कमाने का कोई स्त्रोत नहीं होता है वे उपासक उपासिकाओ पर भोजन के लिए निर्भर रहते हैं वे भी उतना ही भोजन लेते हैं जितना उसके पेट के लिए आवश्यक हो , वे भोजन का सम्यक उपयोग करते हैं, भोजन दान उनको किया जाता है जिनके हाथ पैर नहीं होते जो कोई काम नहीं कर सकते हैं,  उने भोजन दान दिया जाता है  बुध विहारों में दिन का ग़लत उपयोग हो रहा है हमारे समाज के लिए पैसा बहुत जरूरी है, इस पैसे को हमें बचाना चाहिए पैसा का उपयोग बुध विहारों के विकास में लगाना चाहिए, दान भी बहुत सोच समझ कर देना चाहिए लोगो के दान के पैसे से बिना सिर पैर वाले कार्यक्रम, व संस्कार हो रहें हैं  पैसा ग़लत कार्यक्रम में खर्च हो रहा ऊं, मैं , लोगों से निवेदन करता हूं कि चन्दा, दान, पैसा, कोई भी वस्तु दान देने से पहले इस पर गहनता से विचार विमर्श करें की आप किसे दान दें रहे हैं, क्यों दे रहे हैं, उसका रिसल्ट क्या होगा ,  हमें दान या पैसा इन कामों में लगाना चाहिए।
 बुध विहारों को विकसित करने में।
स्कूल कालेज, यूनिवर्सिटी खोलने में।
संघटन को मजबूत करने में।
बुध विहार में पुस्तकालय खोलने में।
बौद्ध धम्म संस्कार केन्द्र खोलने में।
प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने में।
महिलाओं की शिक्षा पर।
बच्चों के टियूशन पर।
समाज के गरीब  लोगों पर।
बौद्ध धम्म प्रचारक प्रसार पर।
 Sc,st,obc, को संगठित करने पर।
बुध विहारों को एक करने पर।
बुध विहारों को शिक्षण केन्द्र बनाने में।
राजनेतिक क्षेत्र में।
सम्यक कार्यक्रमों पर।
समाज को रोजगार देने पर।
समाज की आर्थिक स्थिति सुधारने में।
समाज के लोगों के व्यक्तित्व विकास पर।
आदि।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 17 November 2024

समाधान।
सभी समसियाओ का समाधान संघटन है, संघटन में ही शक्ति है, शक्ति से ही सभी काम सिद्ध होते हैं, भोपाल जिले के सभी बुध विहार, छोटे बड़े संघटन, आम्बेडकरवादी, sc,st,obc, के लोग यदि संघटित हो जाये तो सभी समसियाओ हाल निकल सकता है, इन बुध विहारों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ता सदस्य को, सभी गिले शिकवे भुलाकर एक मंच पर,एक झंडे के नीचे, एक चैन की जुड़ कर काम करने की आवश्यकता है, इसी कार्य को हाजाम देने के लिए हम भोपाल के समस्त बुध विहारों की समिति के पदाधिकारियों के साथ व्यक्तिगत औपचारिक बैठकें कर रहे हैं, जो लोग बुध विहारों से जुड़े हैं, वे सहयोग करें, प्रत्येक बुध विहार के साथ बैठाकर विचार विमर्श चल रहा है, लेकिन कुछ बुध विहार के लोग शिक्षित नहीं है उने अन्य लोग गुमराह कर रहे हैं, इस मैं चाहता हूं कि पढ़े लिखे लोग बुद्धिजीवियों, आम्बेडकरवादी, बुद्धिस्ट लोग सहयोग करें, आप भी बुध विहारों के लोगों के एक मंच पर लाने का प्रयास करें, सभी संघटनों को संगठित करने के काम में लग जाये, मैं इस काम में लगा हूं, लेकिन कुछ लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं, उनके मन मू मेरे प्रति क्या है मै नहीं जानता हूं, देखूं मुझसे अनजाने में कोई ग़लती हुई हो तो क्षमा करना लेकिन लोगों को संगठित करने में सहयोग करें, मेरी बुध विहारों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करवायें , बिना संघटन के कोई कुछ भी नहीं कर सकता है, ।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे।  21 November 2024

समय आ गया है,सभी बुध विहारों का एक होने का , जो लोग इस बात से सहमत हैं की हम सब बुध विहारों के पदाधिकारियों को एक चैन की तरह जुड़कर काम करना चाहिए,तो आपनी सहमति दे, अलग थलग रह कर काम करने से कभी कुछ हासिल नहीं होगा  हिरो बनने की चाह में समाज को जिरो कर दोगे, तुम्हारे अकेले, की कोई वयलू नहीं है, संघटन में ही शक्ति है, संघटन होकर ही हम  समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं, अभी तक किसी भी बुध विहारों के लोगों ने अपने स्वयं के पैसे से बुध विहार नहीं बनाये है नेताओं से ही सहयोग लिया है नेताओं के द्वारा ही सम्पन्न बुध विहार बने हैं, हम क्या है हमारी हेसियत क्या है  हम कितने सक्षम है हमें अच्छी तरह से मालूम है, हम सब अपनी डफ़ली अपना राग बजा रहे हैं, अभी भी बहुत से बुध विहारों का विकास अधूरा है, , कुछ लोगों के बुध विहार नेताओं के पैसे से बने हैं वे लोग उनके ही गुलाम है उनके ही गुण गाते हैं, यदि हम सब एक होगे ,सब काम संघटन की शक्ति से सिद्ध कर सकते हैं,  हम सभी बुध विहारों को एकिकरण के लिए प्रयास चल रहा है  इस कार्य में सहयोग करें।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 16 November 2024

भोपाल जिले के समस्त बुध विहारों की समितियों  के अधिकारी, सदस्य, कार्यकर्ता, से नम्र निवेदन है कि सभी बुद्धिजीवियों पढ़े लिखे लोगों  के मार्गदर्शन में सभी बुध विहारों के एकीकरण केलिए, आपसी समन्वय,के लिए, संघटन को मजबूत करने केलिए,  आपसी परिचय के लिए,, सभी बुध विहारों का सर्वे चल रहा है इनके कार्यक्रमों में एक रुपता लाने के लिए, एक होकर, समूह में काम करने हेतु, इनकी समितियों के साथ चर्चा चल रही है इनको एक एक झंडे,के निचे, एक मंच पर,लाने का, एक होने का प्रयास चल रहा है  जो लोग भी बुध विहारों से जुड़े हैं, उनसे सहयोग की अपेक्षा है, इस विषय पर शिगर ही एक बड़ी बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी बुध विहारों की समितियों को आमंत्रित किया जायेगा और विभिन्न विषम परिस्थितियों पर विचार विमर्श होगा, लोगों को संगठित होना होगा, ओर सभी बुध विहारों को एक दुसरे बुध ई की सहायता करनी होगी और समाज को सही दिशा दिखानी होगी, टुकड़ों में बट कर काम ना करें, मैं मैं कि रट ना लगाये, एक दूसरे टांग ना खींचे, एक दूसरे के प्रति मन मिटा ना रखें, एक दुसरे की आलोचना ना करें   म सब बुध ऊं एक है ,आओ हम  सब मिलकर समाज को सही रास्ता दिखाएं।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप  15 November 2024

आज एक दिवसीय शिविर का आयोजन, बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के तत्वावधान में  ओल्ड सुभाष नगर आम्बेडकर भवन में रखा गया था, इसमें डाक्टर प्रोफेसर विलास खरात जी ने बौद्ध धम्म का प्रशिक्षण दिया, जिसमें मिलिन बौद्ध जी व ओर अशोका बुध विहार के पूर्व अध्यक्ष, उपस्थित थे, इस शिविर में  बहुत से सत्य को उजागर किया गया,जो की आम आम्बेडकरवादी बुद्धिस्ट, उपासिकाओ, व  उपासकों ज्ञात नहीं होता है, आज भारत बौद्ध मय क्यों नहीं बन रहा है, बौद्ध धम्म का पतन क्यों हुआ, बाबासाहेब के संघटनों कल राजनेतिक पार्टी का क्या हाल हुआ, हमारे बौद्ध विरासतों क्या स्थिति है, कैसे ब्राह्मणों ने हमें शब्दों के जाल में उलझाया, रामायण,महाभारत, भागवतगीता, आदि ज्वलनशील विषयों के सत्य को बताया, हम कितने सफल हैं, कितने असफल, बाबासाहेब के मृत्यु के लिए कोन जिम्मेदार बताया गया, लोगों ने बहुत ही गंभीरता से सुना और भविष्य की रणनीति पर काम करने  पर संकल्प लिया ।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 10 November 2024

बैरोजगार की समसिया।
आज समाज में लोग शिक्षित तो हो रहें हैं, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चौनोति है रोजगार की ,काम धंधे की ,आज हर कोई अच्छी जीवन शैली की अपेक्षा रखता है, सरकारी नौकरी की तलाश में ज्यादा रहते हैं  लेकिन सभी के लिए सरकारी नौकरी मिलना मुश्किल है, प्राइवेट में भी काम वह घंटे ज्यादा है पैसे कम है  मैं अपने समाज sc,st,obc, आम्बेडकरवादी, ग़रीब, मजदूर  इन सब कि ध्यान व इनकी मानसिकता व्यवसाय,बीजनेस, करने की ओर मोड़ना चहाता हूं, इनका ध्यान व्यवसाय करने की मैं ओर खींचना चाहता हूं, , हमें सरकारी नौकरी व प्राइवेट नौकरी के पीछे भागने की अपेक्षा  धंधे व्यवसाय करने पर लगाना चाहिए, लेकिन बिजनेस में भी कहीं चौनोतिया है,  लोगों के दिमाग में कहीं प्रश्न भी होंगे, बिजनेस करने के लिए पैसा नहीं है, पैसा कहां से आयेगा, कौनसा बीजनेस करने लाभ  होगा  इस के लिए प्रशिक्षण कौन देगा, बिजनेस कहा करेंगे, यदि घाटा हो गया तो क्या होगा, इस प्रकार के तमाम प्रश्न होगा, नोकरी में सिमीत  पैसा है बिजनेस में अनलिमिटेड पैसा है हमारे लोगों को इस का मैकेनिज्म को समझना होगा सिन्धी व आन्या धर्मों के लोगो ने बिजनेस पर कब्जा कर रखा है , हम लोगों जोड़कर इस पर लोगों को प्रशिक्षण देते हैं, हम कौन कौन से बिजनेस कर सकते हैं, बिजनेस बहुत है, हमें क्या करना है, हमें पहले कम पूंजी से व्यवसाय करना प्रारंभ करना चाहिए, ,बीजनेस करने के विषय पर और जानकारी के लिए हमें सम्पर्क करें 6260785451
इसके लिए बीजनेस मिट का अयोजन किया जाता है ,उस में आप को आना होगा, ओर बीजनेस को समझना होगा, और बीजनेस करने की ओर हमें ध्यान देना होगा।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 10 November 2024

आज समाज में यदि कोई विषय परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है, किसी व्यक्ति को पैसे की आवश्यकता होती है, किसी पर आन्या हतयाचार होते हैं, घर परिवार की समसिया, बैरोजगार की समसिया, उसके दुःख तक़लिफों,में, कानूनी अड़चनों में शिक्षण सम्बंधित ,थाने, कचहरी, में इन सभी विषम प्रस्थिति में  क्या समाज उसके साथ खड़ा होता है, क्या समाज का कोई व्यक्ति उसकी सहायता करता है कया,  समाज के लोग उनके दुःख तक़लिफों में साथ खड़े होते हैं नहीं समाज अलग अलग बटा हुआ है, समाज की सभी अर्थ व्यवस्था और उसकी विषम परिस्थितियों का अध्यन कर के हमने हमारे बुद्धिजीवियों ने एक मैकेनिज्म बनाया है, जिसे हम हेल्प कम्यूनिटी कहते हैं, इसमें हम से लोग जुड़कर एक दुसरे की मदद करेंगे, इसमें शादी विवाह से, मैरिज ब्यूरो, शिक्षण क्षेत्र, डॉक्टर,वकिल शिक्षक इंजिनियर, नर्स,  ऐसे लोग जुड़े हैं, इस में समन प्रत्येक क्षेत्र का मैकेनिज्म बनाया है, मजदूर, कामकाजी महिलाओं, पैनटर, व्यवसाय करने वाले, इनकी जीवन हर समसियाओ हल करने के लिए ये हेल्प कम्यूनिटी, है, यह हेल्प कम्युनिस्ट कैसे काम करती है  इस के बारे में और जानने के लिए हमें संपर्क करें 6260785451
आप किसी भी  समय इस हेल्प कमेटि की सहायता ले सकते हैं  इससे जुड़े लोग हर  समय आप के साथ है, हम आपसी हेल्प करके हर जगह जित सकतें हैं तो हम सब एक होकर सभी की मदद करें धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 09 November 2024

शिक्षण।
यदि सम्पूर्ण भारत में व समाज में परिवर्तन लाना है तो, हमारे बुद्धिजीवियों,पढ़े लिखे लोगों को सम्पन्न बुध विहारों के लोगों को शिक्षा की ओर विशेष ध्यान देना होगा और शिक्षा के क्षेत्र में काम करना होगा, बोध धम्म संस्कार केन्द्र, खोलने होंगे, नर्सरी स्कूल, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, उच्च शिक्षण संस्थान खोलने होंगे, परिशिक्षण केन्द्र खोलने लोगों कालेज, यूनिवर्सिटी,  आदि खोलने पर काम करना होगा, सभी बुध विहारों से शिक्षा का दिया जलाना होगा, हर बुध विहार में एक आम्बेडकर पुस्तकालय खोलना होगा, अभी तक 70 साल हो चुके हैं समाज में कुछ विशेष परिवर्तन नहीं आया है, क्यों कि पढ़े लिखे लोग ही  ओर सम्पन्न लोग जिनके पास पैसा बहुत है वहीं ठीक नहीं है वे लोग इस शिक्षण क्षेत्र में पैसा नहीं लगाना चहाते है क्यों कि कहीं ना कहीं ये लोग नही चहाते है की समाज में परिवर्तन ना हो क्यों यूं लोग ग़लत कार्यक्रमों में पैसा खर्च कर रहे हैं ओर समाज को गुमराह कर रहे हैं, या तो ये लोग मनुवादी है या जानबूझकर लोगों को भ्रमित करने वाले कामों में पैसा लगा रहे हैं इनमें कुछ बुद्धिजीवियों लोग जिनके कंधों पर समाज की जिम्मेदारी है वे लोग भी शामिल हो जाते हैं, हर राज्य में अम्बेडकर कर के नाम का विद्यायल होना चाहिए ,इन सब के बिना आप इस देश में बौद्ध धम्म व समाज में परिवर्तन लाना असंभव है इस ओर ध्यान दें इस पर समाज में विचार विमर्श करें इस क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 02 November 2024

जब तक भोपाल के समस्त बुध विहारों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ता सदस्य एक मंच पर नहीं आते हैं तब तक कुछ नहीं हो सकता है,इसी को आगे ले जाने के लिए मैं ने समस्त भोपाल के बुध विहारों का सर्वे कर रहा हूं,  सर्वे करते समय ये बातें ज्ञात हुई है, बहुत से बुध विहारों के पजियन  रजिस्ट्रेशन नहीं है कुछ बुध विहारों में बुध वन्दना की व्यवस्था नहीं है, कुछ बुध विहारों के पदाधिकारी में आपस में मनभेद है, कुछ बुध विहारों पर कुछ ग़लत लोग लम्बे समय से पद पर कब्जा किये हुए बैठे, कुछ बुध विहार मनुवादी के कब्जे में है, कुछ बुध विहारों में कार्य निर्माणाधीन है कुछ जगहों पर केवल खुले में बाबा साहेब व बुध की प्रतिमा है, बुध विहार नहीं बने हैं ओर बहुत सी समसिया है , शिकायतें गिले-शिकवे, आदि है, इन सभी समसियाओ ओर इन को एक करने, संगठित करने के लिए हम सभी से निवेदन करते हैं की पूर्ण सवे के बाद सभी बुध विहारों के लोग एक मंच पर आये ,इसके लिए हमने जिला स्तर पर एक कार्यक्रम आयोजित होगा दिसम्बर माह के अन्त सप्ताह में,,इस कार्यक्रम का नाम  समान, परिचय,मिलन समारोह होगा, इस कार्यक्रम में भोपाल के बुध विहारों के उत्कृष्ट कामों के लिए समान प्रमाण पत्र व ट्राफी देकर सम्मानित किया जायेगा, इस में बुध विहारों का आपस में परिचय होगा, आपने बुध विहारों व आपनी बात रखने का इस दिया जायेगा, कुछ मुद्दों पर चर्चा होगी  जैसे भोपाल के समस्त बुध विहारों को सरकार की ओर से अनुदान मिले, बुध विहारों को शिक्षण का केन्द्र बनाये, संगठित कैसे हो, बुध धम्म का प्रचार प्रसार,व इस की संस्कृति व संस्कार पर चर्चा, राजनेतिक क्षेत्र, सभी बुध विहार एक चैन की तरह बन्द कर सहयोग कर के रहना, और उस महानुभाव जो समाज में इमानदारी से बुध धम्म व आम्बेडकर के मिशन के लिए काम कर रहा है उसे भी सम्मानित किया जायेगा यदि भविष्य की सभी समसियाओ से बचना है, तो सभी बुध विहारों के लोगों  आपने मतभेद आपसी गिले शिकवे भूल कर एक होना होगा, और इस में पढ़े लिखे लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी मैं समस्त बुद्धिजीवियों व वरिष्ठ समाजसेवी, सम्पन्न बुध विहारों के  पक्के बुद्धिस्ट लोगों से निवेदन करता हूं कि इस कार्य में अर्थात भोपाल के समस्त बुध विहारों को एक करने में सहयोग करें।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 31 October 2024

एक ज्वलनशील विषय।
 अन्तर जातियां विवाह।
Intercaste marriage ।
आज वर्तमान में उपरोक्त वर्णित विवाह बहुत हो रहे हैं बुद्धिस्ट लड़की ब्राह्मण लड़के से शादी कर रही है, जैन sc,st,obc, की लडकी विवाह हो रहा है मुस्लिम हिन्दू लड़की से शादी कर रहा है कुछ आम्बेडकरवादी लड़के लड़की किरिचिनो में शादी कर रहे हैं कुछ लव मैरिज कर रहे अन्य धर्मों के लड़की व लड़कों से  संख्या sc,st,obc, आम्बेडकरवादी के लड़कियों व लड़कों की ज्यादा थी अब केवल लड़के रह गये और लड़कियों को अभिभावकों ने अन्य धर्मों में उनके विवाह करवा दिये है, अब लड़कियों की संख्या कम हो गई है, हमारे संविधान इस इंटर-कास्ट मैरिज को करने की आजादी देता है, डा आम्बेडकर ने भी इंटर-कास्ट मैरिज की थी,  इसी को मानकर हमारे sc,st,obc, के लोग इंटर-कास्ट मैरिज कर रहे हैं,  लेकिन डा अम्बेडकर को मरने से एक महिने पहले इस इंटर-कास्ट मैरिज का नुक़सान का  पता चला , ओर उनको इस का पछतावा हुआ, sc,st,obc, आम्बेडकर,व बुद्धिस्ट को ब्राह्मण, क्षत्रिय,जैन, मुस्लिम वैश्य,ये लोग कभी भी अपनी लड़की को नहीं देते हैं, ये लोग अपने लड़कों को sc,st,obc, आम्बेडकरवादी की पढ़ी लिखी शिक्षित लड़की  को शादी के लिए ले लेते हैं, कुछ आम्बेडकरवादी,लालच में आकर , बंगला,मोटर कार पैसा,नोकरी, देकर इन से अपनी लड़कियां की शादी करवा देते  हैं, अब इस इंटर-कास्ट मैरिज में सबसे ख़तरनाक पैंच आता है धर्म का कोई भी धर्म इस समय ऐसी अवस्था मे नही की वह अपनी विचार धारा से समझोता कर सके,  केवल मजबूरी में शादी के समय दिखावटी समझोता वह करता है, शादी के कुछ समय बाद असली खेल चालू होता है  ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य,जैन, मुस्लिम, हिन्दू, sc,st,obc, आम्बेडकरवादी के लड़कियों को अपने अपने धर्म के जालों में फंसाने लगते हैं, धीरे-धीरे उनका ब्रेन वाश करना प्रारंभ करते हैं, लेकिन जब आम्बेडकरवादी की पढ़ी लिखी लड़कियों का ब्रेन वाश नहीं होता है तो ये लोग उनपर तरह तरह के ज़ुल्म, अन्य,हययाचार करना प्रारंभ कर देते, तब इन की जिंदगी नर्क बन जाती है कुछ आम्बेडकरवादी लड़कियां समझोता कर लेती है, वे संघर्ष नहीं कर पातीं है, ओर वे सब हिन्दू, मुस्लिम, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य,जैन, क्रिश्चियन धर्म को ग्रहण कर लेती इन धर्मों की गुलामी में जिंदगी बिताती हैं क्यों की यहां उनके वापस आने के सारे रास्ते बंद हो जाते ,बाल बचे होने के बाद, ओर यही लड़कियां अन्य धर्मों को बढ़ाना में सहयोगी होती है, और आम्बेडकर समाज में लड़कियों की संख्या घटती जा रही है,  और बौद्ध धर्म पिछड़ता जा रहा है इंटर-कास्ट मैरिज के कहीं दुष्परिणाम समाज में दिखाई दे रहे हैं  कुछ लोगों व आम्बेडकर की सोच थी की इस इंटर-कास्ट मैरिज से जातियां समाप्त हो जायेगी,लेकिन  उनकी सोच ग़लत थी इस से अभी तक जातियां समाप्त नही हुई, इसे ओर ज्यादा परेशानियां उत्पन्न हो गई घर परिवार में पत्नी पति-पत्नी के बीच विपरित धर्मों को विचार धारा के कारण कला कलेश होने लगे हैं, घर परिवार टूट रहे हैं, इसलिए मेरा निवेदन है sc,st,obc, आम्बेडकरवादी, बुद्धिस्ट लोगों से अपने लड़कियों व लड़कों का विवाह सिर्फ sc,st,obc, आम्बेडकरवादी बुद्धिस्ट परिवार वालों हूं करें अन्य धर्मों के लोगो से इंटर-कास्ट मैरिज ना करवायें, sc,st,obc, आम्बेडकरवादी बुद्धिस्ट आपस में ही शादी विवाह करें  क्यों कि बौद्ध धम्म के आलावा कोई भी धर्म आप को पूर्ण आजादी, समान नहीं दे सकता है,।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 28 October 2024

बौद्ध धम्म।
  इस धम्म को मैं चाहता हूं कि इसे अमीर धम्म के रुप में पहचान हो क्यों कि तथागत भगवान, बुध भी अमीर थे गरीब नहीं थे, राजा के पुत्र थे, इस धम के अनुयायी भी अमीर होना चाहिए, इस धम्म के अनुयायी कभी आपने आप को गरीब ना कहे,  हमें अपना स्टेंडर्ड बढ़ाना होगा, भीखारी की तरह मांगने की आदत नहीं होनी चाहिए, आम्बेडकर के अनुयायी को कुब पैसा कमाना चाहिए बंगले में रहना चाहिए, कारों में घुमाना फिराना चाहिए, अच्छे अच्छे कपड़े पहनाना चाहिए, भनते भिखूओ को भी मांगकर गुजारा बसेरा नहीं करना चाहिए, उने भी अमीर बनना चाहिए, किसी कार्यक्रम को करने के लिए हमें अन्य मनुवादियों से पैसे नहीं मांगना चाहिए, आपने ही पैसे आपने लोगों से सहायता लेना चाहिए , इस धम के लोगों को हमेशा यह सोचना चाहिए कि हम अमीर कैसे बने ,महनत करें पैसा कमाते, ओर आम्बेडकर ओर उनके बौद्ध धम्म को अमीर होने की पहचान दिलाये, यदि कोई अन्य धर्म वाले देखें तो यह कहें की देखो बुध व आम्बेडकर के अमीर अनुयायी आ रहे हैं, आज से अपने आप को गरीब,sc,st,obc, मजबूर ,आसहय, कमजोर, झुगी झोपड़ीयो वाले, नीच, अछूत ये सब समझना छोड़ दें केवल यह सोचे कि मैं एक अमीर बुध सिद्धार्थ गोतम  राजा के पुत्र  का अनुयाई हूं मैं भी अमीर हूं , मुझे भी अपना जीवन स्तर बहुत ऊंचा उठाना है,  मैं लोगों से यह निवेदन करता हूं की बुध के धम उस के अनुयायी को अमीर के रूप पहचान देने का प्रयास करें, अपना पूरा दिमाग पैसे कमाने में लगायें, अपना बहुमुलय पैसा दुसरे धर्मों व कथाओं,साधू संत, मन्दिरों पिर फकीरों में खर्च ना करें पैसे को अमीर बनने में खर्च करें आज से हम अमीर बौद्ध धम्म के अनुयायी है, ।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 27 October 2024

इस देश को यदि बौद्धमय बनाना है तो, दीक्षा दिन, अशोक विजयादशमी, धम्म चक्र अनुवर्तन दिवस , धम्म सन्देश महोत्सव दिवस आदि कार्यक्रम करने से भारत बौद्ध मय नहीं बनेगा इन कार्यक्रमों में लोग केवल भाषण देते हैं, और scst, obc के लोग ये लोग जातियों में बंटे हैं, इन में से 60/70% लोग हिन्दू धर्म में ही  वे लोग केवल आम्बेडकर व बुद्धिस्ट होने का दिखावा करते हैं, वे बुद्धिस्ट नहीं है उनके पास बुद्धिस्ट होने का कोई प्रमाण पत्र नहीं है, ये जो कार्यक्रम करते हैं इन में ये बात बतानी चाहिए, की 1956, को 14 अक्टूबर को बाबासाहेब ने इस हिन्दू धर्म को त्याग कर बौद्ध धम्म को विधिवत तरिके से विद्वान भनते से स्वीकार किया था, इस प्रकार अशोक सम्राट ने हिंसा को त्याग कर विविध रूप से बौद्ध धम्म स्वीकार किया था, तो हमें इस दिन क्या करना चाहिए ,इस दिन हमें सभी बाबासाहेब अनुयायियों और सभी sc,st obc, को बौद्ध धम्म को ईमानदारी से विधिवत् रुप से आने बौद्ध धम्म कि दीक्षा दिलवाई जानी चाहिए, हमें धम्म दीक्षा स्वीकार कार्यक्रम, समारोह करना चाहिए,  जितने ज्यादा लोग बुध धम्म को स्वीकार करेंगे, उतना ही लोग बुद्धिस्ट होंगे, भारत मे जितने बुद्धिस्ट बनेंगे  उतना ही भारत बौद्धमय बनेगा  हमें हार साल 14 अक्टूबर को दिक्षा ले समारोह कार्यक्रम  करना ही होगा लेकिन हमारे लोग गुमराह करने वाले कार्यक्रम करते रहते हैं, बिना सिर पैर वाले कार्यक्रम करते हैं, तो बतायें भारत बौद्ध मय कैसे बनेगा  हम बौद्ध बनेंगे तो भारत बौद्ध मय बनेगा।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 27 October 2024

Sc, st, obc, में हाजारो जातियों का समावेश है, इनका प्रतिशत 85% है इनमें से कुछ हिन्दू धर्म में है , वर्ण व्यवस्था के अन्तर्गत चोथे पाय दान पर खड़े हैं, ओर हिन्दू धर्म में ही रहना चाहते हैं, इनमें से कुछ अन्य धर्मों में जैसे क्रिश्चियन, आदि में चले गये है, इसमें से कुछ बौद्ध धम्म में आचुके है,ओर कुछ धीरे-धीरे आ रहें हैं इन sc,st,obc,के लोगों को निर्णय करना है की उने किस धर्म में जाना है, क्यों कि वण व्यवस्था में हम अछूत ही रहेंगे कोई माने या ना माने, जाति के श्राप से ओर इस के कलंक से मुक्त नहीं हो सकते हैं, हमें ऐसे धर्म में जाना होगा जहां इस कलंक से मुक्त हो सके जहां समानता स्वतंत्रता, बन्धुवता का भाव हो,  सभी अन्य धर्म पाखंड वाद,आसमनत  उनके निति नियम ठीक नहीं है  इस लिए मैं बौद्ध धम्म को स्वीकार करता हूं, ओर मै बोदिसट हूं  अब जो लोग अभी भी हिन्दू धर्म में ही है अब यदि उनको कोई परेशानी होती है,या उनके आरक्षण समाप्त होते हैं, या उनके साथ व्यवहार ठीक नहीं होता है, उनके हाक अधिकार के लिए हम बौदिसट नहीं लडेंगे   यदि उनको इन सब से छुटकारा पाना है तो बौद्ध धम्म को स्वीकार करना होगा,  इसी में चोथे पाय दान से पहले पायदान पर आ सकते हैं, सभी धर्मों के रास्ते उनके लिए बन्द है, वहां उनको गुलामी करने के अलावा कुछ नहीं मिलेगा जो कुछ बौद्ध धम्म दे सकता है वह अन्य कोई भी धर्म नहीं दे सकता है, अभी जो कुछ भी सुविधा आप को मिल रही है वह आप के एक वोट डालने के अधिकार से मिल रही है जिस दिन एक वोट डालने का अधिकार छीन जायेगा तब आप को ज्ञात हो जायेंगे की आप की पूंछ परक कौन करता है, अब इन को फ़ैसला करना होगा, दो नावों पर पैर रखकर नहीं जा सकते हैं, किसी एक धर्म को ईमानदारी से ग्रहण करना होगा, या तो हिन्दू धर्म को स्वीकार करें या बौद्ध धर्म को स्वीकार करें  आम्बेडकर,व बुध, हमारे महापुरुषों का पीछा छोड़,  आम्बेडकर आम्बेडकर चिलाना बन्द करें  किसी एक ही धर्म बौद्ध धम्म, हिन्दू धर्म  ईमानदारी से किसी एक धर्म के निति नियमों का पालन करते हुए जीवन व्यतीत करें आप के धर्म की समसिया आप जाने हमारे धर्म की समसिया हम जाने, आम्बेडकर व बौद्ध धम्म से कोई नाता ना रखें, दोनों तरफ की आलवा पूरी खाने की कोशिश ना करें ।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे।
लेखक 25 October 2024

मेरा सपना है की भोपाल के समस्त बुध विहारों के पदाधिकारी एक मंच पर आये।
इस के लिए में बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे प्रतेयक बुध विहार जाकर सर्वे करूंगा , प्रत्येक बुध विहार के पांच लोग अध्यक्ष, उपाध्यक्ष,सचिव,ओर दो सदस्यो के नाम लिखे जायेंगे, इस के बाद इन सभी बुध विहारों का महा मिलन, व परिचय सम्मेलन रखा जायेगा, जिस में सभी बुध विहार के अधिकारी अपने अपने बुध विहारों की गतिविधियों के बारे में जानकारी देंगे, एक दुसरे का परिचय होगा, मेल-मिलाप होगा और कुछ चरचाये होगी निम्न विषयों पर , बुध विहारों का विकास सम्बंधित, शिक्षा से सम्बंधित, बौद्ध धम्म के प्रचार प्रसार, बौद्ध बनने पर, राजनेतिक विषय पर, sc,st,ob,के संघटनों को मजबूत करने पर, सभी बुध विहारों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को सुत्र में कैसे बांधे रखा सकते हैं, आदि, ये पूरे दिन का कार्यक्रम रहेगा, 10,से 5बज तक, इस में मध्य अन्त में सभी के लिए भोजन की व्यवस्था रहेगी, इस का उद्देश्य यह रहेगा की सभी बुध ग्रह के लोग मिल-जुलकर काम करें,  महा बैठक को शीघ्र ही रखा जायेगा,  लेकिन इस से पहले मैं अपने सभी आदरणीय, वरिष्ठ लोगों के विचारों को जानना चाहूंगा, वे इस बैठक को करवाने में सहमत हैं या नहीं, या आपने विचार दे, इस बैठक में अपने गिले शिकवे, सब कुछ छ आप व्यक्त कर सकते हैं, इस में हमारा कोई नया संघटन बनाना, पद लेना, सुपर मैन बनना, दुसरो पर अपनी विद्वता बताना , आदि इस तरह का कोई भी इरादा नहीं है, तो मैं ,मिलिन बौद्ध साहेब, भी,सी,सहारे साहेब, भारती महा बौद्ध सभा के कार्यकर्ता, पाटील साहेब, विजय सुरडकर, अजय नारनवरे जी, कामले दीदी जी तमाम उन लोगो से जिसे मैं नहीं जानता हूं, उनसे नम्र निवेदन है कि अपनी राय दे, इस महा सभा की तारीख,दिन, समय , स्थान,आपके विचार जानने के बाद ही घोषित की जायेगी, लेकिन इस महा बैठक की तैयारी में कर रहा हूं, इस बैठक को सभी परिस्थितियों को ध्यान में रख कर कीया जायेगा, धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 21 October 2024

मनुष्य जैसा ऊपर से दिखाई देता है वैसा होता नहीं है, वो क्या  सोचता दुसरो के बारे में, उसके क्या विचार है , क्या चहाता है,इसका पता लगाना बड़ा कठिन है, मनुष्य इस धरती पर बड़ा ही विचित्र प्राणी है, इसको समझना दुनिया का सबसे कठिन काम है, मैंने नागपूर में देखा इतने सघटन है कि गिनती करना मुश्किल है पूरे भारत में 90% प्रतिशत sc,st,obc, है, नागपूर में इतनी बिड थी की पैर रखने को जगह नहीं थी, कभी कभी ऐसा लगता है हमें गर्व होना चाहिए कि हम हम कितनी बड़ी तादाद में है  कितनी बड़ी ताकत है हमारे पास  इतने लोगों की लेकिन इन्सान को समझना बड़ी टेड़ी खीर है, समाज में अधिकतर लोग पतर होते है, उन पर यदि हम अपना सिर मारें तो हमारा हि सिर फूटेगा, कुछ लोग चिकने घड़े की तरह होते हैं उस पर कितना भी पानी डालें पूरा पानी व्यर्थ चला जाता है, कुछ लोग कान के बहरे होते हैं , वे कुछ बनते ही नहीं है, उने चाहे कितना ही ज्ञान दे दो वे कान ही हिलाते रहते हैं, इन्सान में बहुत से अवगुण छुपे होते हैं, वह उने दिखाये बिना अपने ही लोगों  पर लागू करता है, इन्सान इज्जत शोहरत,पैसा समान,लालच,पद, मैं, अच्छे बनने की चहाते, प्रसिद्ध, होने कामना, सूरकियो में बना रहना , बुध बनने की चाह, इन सब से ग्रसित हैं, मनुष्य की विचित्रता के कारण ही यह समाज किसी मुकाम पर नहीं है, छोटे छोटे टुकड़े में बट कर बड़ा खुश होकर समाज में काम कर रहे हैं, ओर पशुओं की तरह इधर-उधर भाग रहा है, किसी एक गड़रिया की सुन ही नहीं रहा है, ओर एक दूसरे का लूकसान करते जा रहे हैं,इसे आपने उद्देश्य, बाबासाहेब के मिशन, भारत को बुधमय बनाने का कोई विज़न इन लोगों के पास नहीं है, यह आपने कामों,समाज, की कभी समिझा नहीं करता है, मनुष्य के दिमाग को पढ़ना और समझना बडा कटिन ही नहीं असंभव है, इसलिए समाज में इस से सावधान रहो, इसे समझो, पहचानो, इसके साथ सावधानी से काम करें यह कभी भी धोखा दे सकता है, आम्बेडकरवादी समाज में कुछ आपने ही मनुवादी लोग हैं उन्हें भी पहचानकर बहार करें समाज से, तभी आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं, अन्यथा कुछ नहीं होगा, ।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 13 October 2024

समाज सेवा।
बौद्ध ज्ञान एजुकेशन एवम् समाज सेवा समिति।
के तत्वावधान में समाज में निम्नलिखित समाज के हित में काम हो रहा है समस्त बुध विहारों को इस का लाभ लेना चाहिए।
1. बौद्ध ज्ञान संस्कृति परिक्षा करवाना,।
2. अंग्रेज की स्पोकन इंग्लिश कक्षाएं संचालित करना।
3. बौद्ध धम्म संस्कार केन्द्र खोलना।
4. निशुल्क कोचिंग सेंटर बच्चों को पढ़ाने खोलना।
5. बौद्ध विहारों को शिक्षण का केन्द्र बनाना।
6. महिलाओं को जागरूक व शिक्षित करना।
7. स्कूल कालेज यूनिवर्सिटी खोलने में सहयोग करना।
8. बौद्ध धम्म की संस्कार व संस्कृति का प्रचार प्रसार करना, ।
9. राजनेतिक क्षेत्र में काम करना व आपनी राजनेतिक पार्टी को सहयोग करना। ये
10. भोपाल के समस्त बुध विहारों में अम्बेडकर पुस्तकालय खोलना।
11. घर घर बुध वन्दना का परक्षिशण देना।
12. प्रत्येक रविवार बुध विहार चलों अभियान।
13. प्रत्येक बुध विहार में संविधान पाठशाला।
14. सभी संघटनों को एक करने का प्रयास करना।
15. बौद्ध धम्म मैरिज ब्यूरो का संचालन करना।
16. पाली भाषा की बच्चों को पढ़ाने की बुध विहारों में व्यवस्था करना।
17. बुध विहारों को प्रशिक्षण का केन्द्र बनाना
18 समस्त बुध विहारों में समता सैनिक दल की शाखा लगाना।
19 समस्त बुध विहारों के विकास पर विचार विमर्श करना और उनका विकास करना।
  20 जिला स्तर एक बड़ी फनड कमैटि का निर्माण करना जिस के माध्यम से विकास कार्य हो सके,।
21 सभी बुध विहारों में बुध वन्दना व संस्कार, संस्कृति पर चर्चा कर के उनमें एक रूपता लाने का प्रयास करना।
22 बौद्ध धम्म को प्रचार प्रसार के माध्यम से आगे बढ़ाने पर काम करना।
पाली भाषा का प्रचार प्रसार करना।
24 समाज को नशा मुक्त कराने का अभियान चलाना।
26 समाज के लोगों को रोजगार से जोड़ने का अभियान चलाना।
27 समाज को कर्ज मुक्त करना, 
समाज के लोगों की अर्थ व्यवस्था सुधारना।
समाज की बालिकाओं को शिक्षित करना।
ये सभी कार्य को अमल में लाने के लिए आप सब की आवश्यकता है please  सहयोग करें  मदद करें ये सभी काम अमल में आ जायेंगे ।
आप सहयोग फोन पैर पर भी कर सकते हैं यदि हमे सम्पर्क करे 6260785451 पर धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 05 October 2024

तथागत भगवान बुध ने विद्वान भिक्षु,व भनते संघ का निर्माण किया था, ऐसे भनते जो आपने ज्ञान से समाज को सही दिशा दे सकें समाज में बुध व उसके धम्म का प्रचार प्रसार कर सके, ओर समाज में जागरुकता लाये,लेकिन आज के भनते कर्म कांडों में लगे हुए हैं, बड़े बड़े बुध विहारों पर कब्जा किये हुए बैठे हैं, नकली भनते का संघ मे प्रवेश हो चुका है, धम्म देशना देने में ही लगे हुए हैं, अन्य किसी कामों में रुचि नहीं लेते है, बौद्ध धम्म व उस की संस्कृति व संस्कार का ठीक से प्रचार प्रसार नहीं करते हैं, केवल भोजन दान चिवर दान आदि में ही लगे रहते हैं, अन्य धर्मों के पंडित पुजारी दिन रात by आपने धर्मों को आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं,ओर हमारे भनते चुप चाप बैठे रहते हैं, अन्य लोग राजनेतिक में जाकर मंत्री बन रहे ओर हमारे भनते समाज पर ही निर्भर रहना चहाते है, उनको विवेक चुनाव में भी भाग लेना चाहिए।लेकिन देखा गया है कि भिक्षु व भनते भिक्षा मांग कर जीवन व्यतीत कर रहे हैं, बुध ने मांगकर खाने वाले भिक्षु व भनते का निर्माण नहीं किया था, बुध केवल उतने ही घर भिक्षा आटेन करते थे जिनका उनकी पेट की भूख शान्त हो सके ,उससे ज्यादा नहीं, इसलिए मेरा मानना है कि भनते व भिक्षु को कार्य करते हुए, विद्वान होते हुए,समाज व बुध धम्म के लिए काम करना चाहिए, ईमानदारी से समाज व धम्म के लिए समर्पण रहना चाहिए लोगों को परक्षिक्षित करना चाहिए, अन्य बहुत से कामो को करने में भी रूचि लेनी चाहिए ताकि समाज में इनके कामों का आउटपुट दिख सके इनको एक जगह किसी जमीन जायदाद पर कब्जा करके नहीं बैठना चाहिये, अन्य धर्मों के पंडित पुजारियों  से भी कुछ सीखना चाहिए की वे लोग कैसे काम कर रहे हैं,इने मानव के जिवन मे  बुध के सन्देश को पहुंचाना होगा वर्तमान में ये भनते ऐसे रास्ते पर जा रहे हैं जिस रास्ते पर मंजिल है ही नहीं है, आपने रास्ते बदले और फिर देखो क्या होता है।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 02 October 2024

मेरी यह समझ में नहीं आता है की ये बुद्धिजीवी, पढ़े लिखे लोग शिक्षित लोग जो का ये लोग वर्तमान में कर रहे हैं उनकी समिक्षा क्यों नहीं करते हैं, बिना हाथ पैर वाले कामों को किये जा रहे हैं, जिससे ना समाज में कोई परिवर्तन,आ रहा है और ना ही आम्बेडकर व बुध धम्म आगे बढ़ रहा है, एक ही आदमी व एक संघटन सभी कामों करना चाहते हैं, ये कैसा हो सकता है, वर्तमान में सबसे बड़ी समसिया है आम्बेडकरवादी को एक मंच पर लाने कि इसपर ये लोग विचार विमर्श नहीं करते हैं, भोपाल के समस्त बुध विहारों के लोग एक मंच पर जब तक नहीं आयेंगे तब तक कुछ नहीं हो सकता है, अलग अलग संघटनों को अलग अलग कामों में दिमाग लगाना चाहिए ना सभी लोग एक ही काम पर लग जाये, हमें इन प्रमुख महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श करना चाहिए।
1.शिक्षण क्षेत्र इस पर गंभीरता से विचार विमर्श करना चाहिए।
2.बौध धम्म का प्रचार प्रसार,इस की संस्कृति व संस्कार पर विचार करना।
3.भोपाल के सभी बुध विहारों को विकसित करने पर विचार विमर्श होना चाहिए।
4.समाज के लोगों की बैरोजगारी पर चर्चा होनी चाहिए।
5.महिला संघटन को भोपाल क्षेत्र में केसे मजबूत करें इस पर विचार करना होगा।
6.हमारा समाज रिजनेतिक क्षेत्र में कहा है इस की समीक्षा करनी चाहिए।
7.सभी बुध विहारों में अम्बेडकर पुस्तकालय खोलने पर विचार विमर्श होना चाहिए।
सभी बुध विहारों में बौद्ध धम्म संस्कार केन्द्र खोलने पर विचार करना होगा।
8.सभी बुध विहारों में हमारे लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए व्यवस्था करने पर विचार विमर्श करना चाहिए।
9.बुध विहारों के आस पास के लोगों को बुध विहारों से कैसे जोड़ें,इस पर विचार विमर्श करना चाहिए।
10.समाज के लोगों कि आर्थिक स्थिति में कैसे सुधार ला सकते हैं इस पर विचार करना होगा।
11 हमें काम करने के तरिको में बदलाव करना होगा, ,समाज में नकली आम्बेडकरवादी, बुद्धिस्ट,जो घुस आये है उने भी पहचानना होगा उन्हें संघटन से बहार करना होगा नहीं तो वो संघटन को टुकड़े-टुकड़े में बांट देंगे किसी सही काम नहीं करने देंगे जिन कामों से कोई आउटपुट नहीं आ रहा है उने करना बंद करें और समाज के व लोगो के दान का ईमानदारी से उपयोग करें ताकि समाज में कोई परिवर्तन नज़र आये उसका परिणाम दिखे ।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे, समाज सेवी,sc,st,obc, चिन्तक शिक्षक,लेखक, सम्पर्क सूत्र 6260785451 

02 October 2024

आज हम किसी कार्यक्रम करने के लिए जो महन्त ओर पैसा खर्च करते हैं,ओर हमारे लोग हैं की आते नहीं, है ,इस से जो निराशा होती है, ओर कार्यक्रम सफ़ल नहीं होता है, इस समसिया हाल है,की हम सब मिल शिक्षण क्षेत्र में काम करें  इस क्षेत्र में मेरी इच्छा है कि भोपाल में क्षेत्र में एक हाई स्कूल होना चाहिए, डॉ आम्बेडकर स्कूल होना चाहिए, यदि हमारे विचार धारा वाला स्कूल होगा तो हम आने वाली पिंडी को  हम वास्तव में आम्बेडकरवादी, बुद्धिस्ट बना सकते हैं ओर हमारे महान् पुरुषों के विचारों को समाज तक आसानी से पहुंचा सकते हैं, कार्यक्रम करने के लिए भी हमें लोगों को बुलाना नहीं पड़ेगा , स्कूल में ही कहीं कार्यक्रम होते हैं, आज अन्य धर्मों के लोगो के बहुत स्कूल कालेज यूनिवर्सिटी है, वे हमारे sc,st,obc,के बच्चों का ब्रेन वाश कर रहे हैं, यही कारण है कि हमारे नवयुवक बच्चे बुध धम्म व आम्बेडकर विचार धारा में रूचि नहीं लेते है, यदि हमारा स्कूल होगा तो हमारी विचार धारा आपने बच्चों को दें सकते हैं, इसी बातों को ध्यान में रखते हुए, हमने एक दस लोगों का समूह बनाया है,जो भोपाल क्षेत्र में स्कूल खोलने पर विचार विमर्श करेगा  जो लोग ओर बुद्धिजीवी स्कूल खोलने सहमत  हैं स्कूल खोलने का मैकैनिजम क्या होगा इसके बारे में बाद में लिखूंगा,पहले मुझे ज्ञात करना है की कितने लोग इस स्कूल कमैटि में रहना चहाते है, जो लोग स्कूल खोलने में इच्छुक हैं  तो मुझे इस नं पर सम्पर्क करें 6260785451 स्कूल खोलने पर आप अपनी राय सुझाव, सलाह,और आपने विचार व्यक्त करें, कितने लोग हैं जो भोपाल में अम्बेडकर के नाम से हाई,हायर सेकंडरी स्कूल खोलने के पक्ष में है, कृपया अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 30 September 2024

पाली भाषा?
आज बहुत से लोग ओर बुद्धिजीवी लोग इस भाषा के विषय पर बोलते हैं और लिखते हैं,मैं भी इस पर आपने विचार व्यक्त करना चाहता हूं, आज हम जिस समय में जीवन व्यतीत कर रहे इस समय में इस भाषा कोई आउटपुट नहीं है, सरकार ने इसे अभी तक मान्यता नहीं दी है, ना यह भाषा स्कूलों कालेजों में पढ़ाई जाती है, संस्कृत भाषा तो स्कूलों में दसवीं तक पढ़ाई जाती, लेकिन पाली भाषा नहीं पढ़ाई जाती, बालक इसे सीख कर भविष्य में क्या करेगा ,पाली भाषा डिग्री लेकर वह कहां काम करेगा, आज अन्य विचार धारा वाले लोग जिन्के शास्त्र संस्कृति में लिखे हैं,वे भी आज आपनी बात आम जनता तक हिन्दी भाषा बहुचा रहें हैं, तो हम क्यों ना बौद्ध धम्म को जनता तक आम हिन्दी भाषा में बहुचाय, बुध विहारों में इस भाषा को पढ़ाने के पुख्ता इंतजाम भी नहीं है, इस भाषा को पढ़ाने वालो की भी कमियां हैं, ओर हम ग़लती कर रहे हैं की इस भाषा को बुजुर्गों,बड़ों को सीखाने का प्रयास कर रहे हैं,हमें इसे आपने बच्चों को सीखाना चाहिए, जैसे मुस्लिम लोग अपने बच्चों को मदरसा में अपने बच्चों को आपने धर्म व आपनी उर्दू पढ़ने भेजते हैं, वैसे ही हमें भी बच्चों को बौद्ध धम्म संस्कार केन्द्र में बचो को पाली भाषा व बौद्ध धम्म कि पढ़ाई करनी भेजना चाहिए, ,ताकि पाली भाषा भविष्य में जीवीत रह सके, लेकिन आम जनता तक बौद्ध धम्म को हिन्दी में पहुंचाना चाहिए, हमारे स्कूल कालेज भी नहीं है जहां हम अपनी पारी भाषा को पढ़ाने के लिए लागू कर सके, पालि भाषा का साहित्य की भी कमी है, तो आप ही बताएं को हम जैसे लोगों को पढ़ाने का क्या उचितय है।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 29 September 2024

सावधान रहें,
आज कल टिवी पर बंगला देश में रहने वाले हिन्दूओ की बहुत खबरें आ रही है, इस पर मैं अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूं, बंगला देश एक धर्मनिरपेक्ष देश था , सेकहासिना के शासन काल में  हिन्दू सुरक्षित थे, लेकिन अब यह कहा जा रहा की अमेरिका ने वहां की सरकार को साजिश के तहत तख्तापलट कर दिया, अब वहां मुस्लिम कटर पनती शासन लागूं हो रहा है धीरे-धीरे,ओर हमारे हिन्दू भाइयों के सभी धार्मिक हांक अधिकार धीरे-धीरे छीने जा रहे हैं ओर उन पर अन्याय हत्या चार हो रहे हैं,उनका वहां रहना बहुत दुखत होने वाला है, क्यों कि एक नान सैकुलरवाद   देश में एक कट्टरवाद विचार धारा वाले लोग दूसरे विचार धारा वाले लोगो पर अन्याय हत्या चार करते हैं, दूसरी विचार धारा फल फूल नहीं पातीं है  सभी विचार धारा वाले लोगो को फलने, फुलने का अधिकार केवल ओर केवल धर्मनिरपेक्ष देश में ही हो सकता है, वह देश केवल भारत ही है जिसमें सभी विचार धारा वाले लोग सुरक्षित, भारत के संविधान के कारण, सावधान रहें, कहीं ऐसा न हो की अमेरिका भारत में पुजीपतियो,व ब्राह्मणों, व अन्य विचार धारा वाले लोगो से मिलकर हिन्दू राष्ट्र बनाने की साज़िश रचे और यहां के अन्य विचार धारा वाले लोगो को सता से दूर रखें, ओर संविधान को धीरे-धीरे धार्मिक बनाने की साज़िश रचे, क्यों कि वर्तमान में संविधान धर्मनिरपेक्ष हैं, जिस दिन संविधान एक विचार धारा वाला बन जायेगा,उसी दिन यह देश  हिन्दू राष्ट्र बन जायेगा, बाबासाहेब आंबेडकर ने इस संविधान को धर्मनिरपेक्ष के तहत् लिखा है, जिसमें सभी धर्म के लोग सुरक्षित है, जो कुछ बंगला देश में हुआ, वहीं यदि भारत में होता है तो यहां के sc,st,obc, गरीब, मजदूर,कमजोर, पूजीहीन, अल्पसंख्यक, हाजारो जातियों में बंटे लोग , आम्बेडकरवादी, बुद्धिस्ट, का क्या होगा, इनको भी वही भोगना पड़ेगा जो बंगला देश के हिन्दू भाई इस समय वहां भोग रहे हैं, तो इस देश को किसी भी कटर विचार धारा वाले देश बनने से , बचाना है, जो लोग इस की साज़िश कर रहे हैं,उनका बिल कूल भी साथ नहीं देना है,  हमें सभी विचार धारा वाले लोगो का सम्मान करना चाहिए, हमें सभी विचार धारा वाले लोगो से मिलजुलकर के रहना है, इस देश का धर्मनिरपेक्ष रहने में ही हम सभी विचार धारा वाले लोगो की भलाई है, अन्यथा हमें बहुत कुछ भोगना पड़ सकता है, 
धन्यवाद।
लेखक,शिक्षक, दलित चिन्तक, बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 26 September 2024

Sc,st,obc, अम्बेडकर व बुद्धिस्ट लोगो के सफलता के मंत्र।
1 सर्व प्रथम सभी sc, st, obc,भोपाल के समस्त बुध विहारों को संगठित होना होगा इने एक चैन की तरह रहकर काम करना होगा। 
2 प्रतेयक क्षेत्र के अलग-अलग विभाग बनाने होंगे ,उनकी अलग कमैटि बनानी होगी, राजनीति विभाग, शिक्षण विभाग, संघटन विभाग, धार्मिक विभाग, जो जिस क्षेत्र में रूचि है उसी क्षेत्र में काम करें ,उससे जुड़े।
3 जो भी संघटन अलग टुकड़ों में काम कर रहे हैं उनको किसी भी हालात में एक होना होगा, राजनेतिक संघटन, धार्मिक, संघटन जो वर्तमान में अलग-अलग टुकड़ों में बट कर काम कर रहें हैं उनको किसी भी हालात में एक होना होगा।
4 बौद्ध धम्म प्रचारक प्रसार विभाग
5.  बुध विहार विकास कमैटि 
 6. महिला संघटन विभाग।
7. सभी विभागों की अच्छी मजबूत कमैटि बनाकर  लोगों को उन में पद देकर  उस विभाग को सफल करने पर उस के पदाधिकारियों को काम करना होगा 
8. नवयूवको का संघटन विभाग।
9. इन सभी विभागों में समविचार धारा वाले लोगो को हि रखना होगा 
10. इन सभी विभागों को संचालित करने के लिए एक मजबूत बायलोज बनाना होगा,जो इन विभागों को सूचारुरूप से संचालन कर सके
11. विकास फंड विभाग बनाना होगा जिस में अर्थ पर विचार विमर्श हो  , सभी विभागों को संचालन के लिए पेसा कैसे संग्रह करें पैसा कहां से आये,इस विभाग काम रहेगा विचार करना।
12. दीक्षित, पढ़े-लिखे लोग, बुद्धिजीवियों का विभाग,इस में वे अनुभवी  उच्च अधिकारी, वरिष्ठ समाजसेवी, लोग रहेंगे जो सभी सभी विभागों की देख देख करेगे उन की समीक्षा करेंगे ।
13. समता सैनिक दल विभाग इस दल की शाखा भोपाल समस्त बुध विहारों में लगेगी, इस का  काम समाज के कमजोर लोगों की रक्षा करना होगा और लैगो को परक्षिक्षित करना होगा।
14. सभी विभाग एक दूसरे से चैन कि तरह जुड़कर काम करेंगे और एक दूसरे को सहयोग करेंगे 
15. जो लोग इस मेकेनिज्म में काम नहीं करेंगे उन पर पूरे समाज के बुद्धिजीवियों को कड़े कदम उठाने होंगे  
16. कोई भी व्यक्ति संघटन टुकड़ों में बट कर काम नहीं करेगा 
17. समाज के प्रत्येक व्यक्ति संघटन सम्पन्न लोगों से निवेदन है कि अपना अमूल्य पैसा किसी भी व्यक्तिग बुध विहार को ना दे, दान भी बहुत सोच-समझकर जांच पड़ताल कर दे  आपके दान का क्या आउटपुट रहा वहीं देखें, 
18. एक दान विभाग भी बनाये  जो दान की समीक्षा करेगा। दान का समाज में सही उपयोग हो सके
19. बुध विहारों को शिक्षण केन्द्र बनाना, उनकी समिक्षा करना कि ये बुध विहार क्या कर रहें हैं शिक्षण के क्षेत्र में धन्यवाद।
20. बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 21 September 2024

17 September 2024 

मैं कभी कभी समाज की बातें बहुत ज्यादा बोल जाता हूं, समाज में काम करना , कोई कार्यक्रम करवाना, लोगों के हक अधिकार के लिए लड़ना , बुध विहारों में दान देना, आपने लोगों की सहायता करना ,बैठक बुलाना, भनते लोगों को भोजन व चिवर दान देना, आपने लोगों के लिए संघर्ष करना, कोई भी काम वह किसी भी प्रकार का हो वो बिना अर्थ, पैसे का नहीं हो सकता है बिना पैसे के आप कोई भी समाज सेवा नहीं कर सकते हो ,मैं समाज के लोगों को यह सन्देश देना चाहता हूं कि पहले अपनी अर्थ व्यवस्था को मजबूत करो फिर समाज का काम करो पहले पहले काम धंधे व्यवसाय से पैसा कैसे कमाया ये, धनको कैसे सनजोके रखें इस पर सोचना चाहिए , अर्थ  को प्राप्त करने स्त्रोतों को खोजना होगा, हमें पहले सम्पन्न बनने पर विचार विमर्श करना होगा, अभी हमारे लोग , ग़रीब है, मजदूर, है सम्पन्न नहीं है, ओर समाज सुधारने की बड़ी बड़ी बातें करते हैं, जिनके पास पैसा है वे समाज को नहीं सुधार रहें हैं,तो जिसके पास अर्थ नही है वह क्या समाज की बातें करेगा, हमें ऐसे साधनों की तलाश करनी पड़ेगी जिससे हमें अय हो सके  फिर उस आय से बीस % समाज को पै बैक करना होगा, पैसे के बिना सभी बातें सपने की तरह है, जो सच नहीं हो सकती है, पैसा के बिना सभी आदर्श खोखले हैं मैं समाज से कहना चाहूंगा की  पहले आपने परिवार को अर्थ व्यवस्था से मजबूत करो, क्यों की कुछ चतुर लोग मेही कर रहे वे पहले सम्पन्न हो रहे हैं ओर फिर बड़े बड़े कार्यक्रम करते हैं ओर उस में छोटे लोगों को हमियत नहीं देते हैं पैसा है तो समाज सेवा है, पैसा नही तो समाज सेवा नहीं, किसी ने कहां है की पैसा ख़ुदा तो नहीं है लेकिन खुदा से कम नहीं है ।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 17 September 2024

मैं हमारे पढ़े लिखे लोगों का ध्यान इस ओर खींचना चाहता हूं कि भोपाल में बहुत से बुध विहार है सम्पन्न बुध विहारों के लोगों व वहां के सदस्यों से निवेदन करता हूं कि भोपाल क्षेत्र में कहीं बुध विहार झुगी झोपड़ीयो में है  उनका विकास अभी अधूरा है ,रुप नगर गोविन्दपरा बुध विहार, पुराना नगर भेल आम्बेडकर बुध विहार, कैलाश नगर बुध विहार, कहीं बुध विहार सुख सुविधा से वंचित हैं  समाज के लोगों को इन बुध विहारों के विकास पर भी ध्यान देना चाहिए ओर सम्पन्न लोगों से निवेदन है कि एक ही विकसित बुध विहार को दान पैसे नहीं देते रहना चाहिए दान दाताओं को भी एक ही बुध विहार में दान नहीं देना चाहिए दुसरे बुध विहारों के विकास के लिए भी दान दिया करें ताकि ये बुध विहार भी विकसित हो सके, क्यों कि झुगी झोपड़ीयो में रहने वाले लोगो को कार्यक्रम करने के लिए ये सम्पन्न बुध विहार वाले जगह नहीं देते  यदि ये बुध विहार विकसित हो जायेंगे तो इन बुध विहारों में भी कार्यक्रम हो सकेंगे शिक्षित उपासक,उपासिकाओ से निवेदन है की जो बुध विहार विकसित नहीं है एकाद बार इन बुध विहारों में भी वन्दना करने चले जाया करो  ध्यान रखें एक के कलेक्टर बनने से पुरा समाज कलेक्टर नहीं बन जाता है, बुनद बुनद से सागर बनता है, यदि हम थोड़ा थोड़ा भी इन बुध विहारों को दान देंगे तो ये बुध विहार विकसित हो जायेंगे, बस  समाज और आपने लोगों के प्रति नियत ठीक होनी चाहिए एक ही बुध विहारों को दिन देते रहने से  समाज का विकास नहीं होगा  दूसरे बुध विहारों को भी दान दें, या जिला स्तर पर एक कमेटि बनाकर समस्त बुध विहारों की समीक्षा की जाये, केवल कुछ चतुर बुध विहार वाले  इन लोगो से दान देकर केवल अपने बुध विहारों के बारे में सोचते हैं अन्य बुध विहारों के विषय पर विचार विमर्श नहीं करते हैं,  जो लोग अर्थ से सम्पन्न है उनको विवेक से  अपने दान सही उपयोग करना चाहिए, कब कहां, किसे दान देना है इस पर विचार कर के दान करना चाहिए, ताकि आपके दान का सही जगह ओर जिस बुध विहार को आवश्यक है उसे दान दें, विकसित बुध विहारों के दान देने से आपके दान का पुण्य आप को नहीं मिलेगा ,  सही बुध विहारों में दान करें जिनको आवश्कता है, जिन को आवश्यकता नहीं है उने आप लोग दान देते जा रहे हो आप अपने विवेक का उपयोग नहीं कर रहे हो।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 16 September 2024

जय भीम, नमो बुधाय,
मित्रों,
यह वाट्सएप people education society है ,इस में विडियो  सन्देश सूचना व्यवसाय सम्बन्धी, जन्मदिन का सन्देश, फोटो, नियूज ये सभी ना भेजकर , शिक्षा से सम्बन्धी आपने विचार व्यक्त करें, जो शिक्षा के क्षेत्र में काम करने में रुचि रखते हैं, वे अपनी बात रखें, बिना शिक्षा के आप समाज में कोई भी बड़ा परिवर्तन नहीं ला सकते हैं, आज जो लोग समाज के लोगों को समझानें के जो काम चल रहा है,वे सब महन्त आप की बेकार जा रही है, बड़े लोगों समझाना छोड़ कर, आपनी आने वाली पीढ़ी को शिक्षा के माध्यम से आम्बेडकरवादी व बुद्धिस्ट शिक्षित बना सकते हैं, इसलिए हम पढ़े लिखे लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में नर्सरी स्कूल, बौद्ध धम्म संस्कार केन्द्र खोले पर विचार विमर्श करना चाहिए सभी बुध विहारों में एक शिक्षण विभाग बनाया जाये जिसमें प्राथमिक, स्कूल, माध्यमिक विद्यालय है, हाई स्कूल आदि खोलने पर आपने विचार व्यक्त करें हम सभी को इस पर है बहुत गंभीरता से विचार विमर्श करना होगा बूध विहारों में बुध व आम्बेडकर विचार धारा से सम्बन्धित टैनिंग सेन्टर संचालन करना चाहिए ताकि हमारे लोगों को आपने हितिहास,और हमारे बहुजन महापुरुषों के ज्ञान से हम अवगत हो, आप सभी से निवेदन है कि इस ग्रुप में बिना हाथ पैर वाली बातों को न भेजें केवल शिक्षा से सम्बन्धी सामाग्री भेजें, मैं अपने उन लोगों से निवेदन करता हूं कि शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले ही इस ग्रुप से जुड़े अन्य लोग इस ग्रुप से ना जुड़े मैं आयुष्मान बौद्ध मिलिंद सहाब से निवेदन करता हूं कि इस ग्रुप में उनकी लोगों को जोड़ो जो इस शिक्षण क्षेत्र में काम करने के इच्छुक हो , जो इस में रूचि नहीं रखते वे करिपिया कर के स्वयं ही इस ग्रुप से रिमूव हो जाये शिक्षा ही समाज में एक बड़ा परिवर्तन ला सकती है   आओ हम सब मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में काम करें  समाज को कैसे शिक्षित करें ,समाज के बच्चों को शिक्षण क्षेत्र में क्या कर सकते हैं, बुध विहारों में आम्बेडकर पुस्तकालय खोल सकते हैं, जहां हमारे बालक बालिका वहां जाकर पढ़ सकें  शिक्षण से हम महिलाओं को जागरूक कर सकते हैं  शिक्षण क्षेत्र में काम करने के लिए मै लोगों से निवेदन करता हूं कि आगे आये ।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे सम्पर्क सूत्र 6260785451 

14 September 2024

मार्गदर्शक संघ।
        संगठित करने का मैकैनिजम
1., भोपाल के समस्त बुध विहारों  के समितियों, सदस्यों, sc,st,obc, सन्त महात्माओं के संघ संघटनों, संस्थाएं,से विचार विमर्श करके एक मंच पर लाना।
2. प्रत्येक बुध विहार एवम् संघटनों से दो प्रमुख सदस्यों को चुनकर एक संघ का निर्माण करना।
3. इस संघ के मार्गदर्शन में निम्न विभागों का निर्माण करना, डॉ आम्बेडकर रीलिफ फंड सोसायटी, राजनेतिक क्षेत्र विभाग, शिक्षण विभाग, sc,st,obc, संघटन विभाग, महिलाओं का संघटन विभाग, नवयोको का संघटन विभाग, बौद्ध धम्म प्रचारक प्रसार विभाग, बौद्ध धम्म मैरिज ब्यूरो विभाग, इस प्रकार के विभागों का निर्माण करना,इनसब विभागों का संचलन संघ के मार्गदर्शन में होगा।
4. संघ अलग से किसी भी संघटन, विभाग का अलग से नहीं बनायेगा, यदि पूर्व से कोई संघ संघटन बना है तो उसे उस में विलय करना है।
5. Sc,st,obc, इस देश में 85/% है  प्रतेयक व्यक्ति इन विभागों से जोड़ने का काम करना।
6. प्रत्येक विभाग का एक संघ बनाना जो विभाग का संचालन कर सके।
7. कोई भी सघ संघटन में पद की कोई व्यवस्था नहीं होगी, सब समर्पण भाव से समन्वय से विभागों व संघ में काम करेंगे।
8. एक विभाग दुसरे विभाग व संघटन के काम में दख़ल नहीं देगा सलाह सुझाव दे सकता है।
9. सभी विभागों में समविचार धारा वाले व संत महापुरुषों के विचार धारा वाले लोग ही रहूगे।अन्य विचार धारा वाले के लिए कोई जगह नहीं रहेगी।
10. इन सभी विभागों व संघटन एक दूसरे के साथ एकचैन की तरह जुड़कर एक दूसरे के साथ समन्वय बनाकर काम करेंगे।
11. इन सभी मैकेनिज्म पर चर्चा  विचार करके हम sc,st,obc, आम्बेडकर समाज बुध के धम को आगे ले जिस सकते हैं।12.  इस तरह कहीं नितियों, योजनाएं को बनाना होगा।
तभी यह समाज का विकास होगा।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे।  03.12.2024

डॉ आम्बेडकर जी के इस दुनिया से विदा होने के बाद, उनका समाज बिकर गया है, विभिन्न संघटनों में बट गये इन सभी संघटनों व बुध विहारों के समितियों को एकीकरण करने का एक छोटा सा प्रयास कर रहा हूं, इसलिए 6 दिसंबर दिन शुक्रवार समय 4से8 बजे तक, बुध विहारों को एकीकरण करने के विषय पर एक बैठक रखी गई है, ओर बाबासाहेब डॉ आम्बेडकर को आनदारजिल,व बुजुर्ग महिलाओं को शाल देकर सम्मानित किया जायेगा, ओर समाज के कर्मठ कार्यकर्ता का सम्मान होगा,  ओर महत्वपूर्ण चर्च होगी कि समस्त बुध विहारों का एकीकरण कैसा होगा, इस में सभी बुध विहारों की समिति के कार्यकर्ता सदस्य, सम्मानित वरिष्ठ समाजसेवी, लोग, कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं, इस कार्यक्रम में ,मिलिन बौद्ध जी, सिद्धार्थ बागडे, विनोद करें, महेंद्र घारू जी, अनिल जाधव जी, रुप नगर विशाखा बुध विहार की समिति, ओल्ड सुभाष नगर आम्बेडकर बुध विहार की समिति, जनता क्वाटर बुध विहार समिति, सिद्धार्थ पाटिल जी, सुदामा नगर सुजात बुध विहार की समिति, कैलाश नगर बुध विहार समिति, ओर सम्पन्न बुध विहारों की समिति भी उपस्थित रहेंगी, आप सब की उपस्थिति प्रार्थनीय है, स्थान  डॉ आम्बेडकर शान्ति बुध विहार पुराना नगर एन वन ए सेक्टर वाड 59 नगर निगम कार्यालय के पीछे गोविन्दपुरा भोपाल मार्केट के पास पानी कि टंकी के निकट, सम्पर्क सूत्र।
6260785451
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 01.12.2024

 

बधाई हो OBC/SC/ST को
  बिना जाति प्रमाण के नही लगेगी नौकरी

   उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना जहाँ पर आरक्षण को पूर्ण रूप से हटा दिया गया सरकारी नोकरी हो या पढाई सभी में आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त घोषित कर दिया गया है।
और ये सब संभव हुआ हमारे प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के द्वारा।
जिनकी दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण आरक्षण को समाप्त किया जा सका ।
अब उत्तर प्रदेश में अगले 25 सालो तक 
1. रेलवे में सफ़र 
2. बसो में सफ़र 
3. फ़िल्म 
4. होटल बुकिंग
5. पढाई में
6. सरकारी नौकरी में
7. पदोनत्ति में
आदि आदि में अगले 25 सालो तक आरक्षण लागू नहीं होगा।
यदि आप आरक्षण बचाना चाहते हो तो इसको हर मोबाइल में भेज दो ताकि और OBC/SC/ST को वोट का मतलब समझ आ जाये ।

दिल्ली हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला:
अब जनरल (GEN) केटेगरी मे कोई भी अन्य वर्ग का (OBC-SC-ST) अब नौकरी या कॉलेज मे Apply नही कर सकता...
मतलब वो लॉग अपनी ही कैटेगिरी मे apply करेंगे अर्थात आरक्षण के नाम पर OBC को 27%, SC को 15% और ST को 7.5% यानि 85% जनसँख्या को केवल 49.5% आरक्षण और बाकि बचा 50.5% अघोषित आरक्षण मात्र 15% सवर्णो के हिस्से में बच गया है। और यही फार्मूला पूरे देश में लागू होने वाला है ।

From:- ETV उत्तर प्रदेश 
आज सवर्ण जाती की पहली जीत हासिल हुई है। आज दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आया है और फैसला दिया है कि आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों को सिर्फ आरक्षण उनके वर्ग में ही मिलेगा चाहे उसका मेरिट मे कितना ही ऊँचा स्थान हो। अगर कोई जाति प्रमाण पत्र देता है तो उसे आरक्षित क्षेत्र में ही जगह मिलेगी और वह अनारक्षित कोटा में जगह नहीं बना सकता।  रोस्टर प्रणाली के तहत मुकदमा किया था और वे लोग विजयी हुए ।

नॉट-  जो जागरूक  लोग हैं वो इस मैसेज को फारवर्ड करके समाज को जगाने की कृपा करें ।

प्रदीप कुमार मीणा

उच्च न्यायालय,
दिल्ली ....

समाज को आज कुछ चतुर मनुवादी लोगों ने मुफ्त की लता लगा दी, समाज के लोगों को भी फिरी कि मानसिकता  हो चुकी है समाज का हर व्यक्ति आज फिरी के चक्कर में उलझ कर रह गया है, तीर्थ यात्रा करना हो फिरी मांगता है, राशन, मुफ्त, महिलाओं को पैसा मुफ्त, बिजली,मुफ्त, प्रत्येक चीज़ मुफ्त में चहाता है, आपनी से कुछ नहीं करना चाहता है, कोई कार्यक्रम करना हो , बुध विहार का निर्माण करना हो, शादी विवाह करना हो, बीमारी में वह किसी ना किसी से मुफ्त की उम्मीद करता है, आपनी महनत के पैसे से कुछ नहीं करना चाहते हैं कहीं समाज पर , नेता पर पूंजीपति पर, सरकारपर, किसी ना किसी पर पैसे के लिए निर्भर रहता है, जब तक पैसा नहीं मिलता है ,वह अपने समाज व विभिन्न क्षेत्रों का विकास स्वयं से करने के लायक नहीं है,   हमें समाज को अपने पैरों पर खड़ा करना होगा  हमें आपनी स्वयं की तनख्वाह का बीस प्रतिशत हमें ईमानदारी से समाज के विकास के लिए खर्च करने होंगे, हम स्वंय अर्थ में मजबूत होना होगा, हमें दुसरो पर निर्भर नहीं रहना होगा, मांगना की ओर फिरी की लता को छोड़ना होगा, समाज को फिरी कि लत से छुड़ाना होगा समाज फिरी की लत से गुलाम बन चुका है, समाज के हर व्यक्ति को इस विषय पर विचार विमर्श करना होगा।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 29.11.2024

मंहगाई।
 इस विषय पर ना सिख लोग बोलते हैं,ना किरचियन, ना मुस्लिम लोग बोलते हैं नाही ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और sc,st,obc, इसमें से भी कुछ लोग महंगाई पर करना कुछ बोलते हैं, ना जुलूस निकालते हैं ओर ना ही रेलिया करते, इस का विरोध भी नहीं करते हैं, इस मार केवल ओरिजनल आम्बेडकर वादी, गरीब, मजदूर,sc,st,obc वाले ही  सफर भोग रहे हैं,इस मार केवल ओर केवल इन्हीं पर पड़ रही है इस से यह ज्ञात होता है कि यह वर्ग पूर्ण रूप से गुलाम बन चुका है, पूंजीपति,ब्राह्मण, क्षत्रिय वैश्य,सिख,जैन, मुस्लिम,ये सब एक विचार धारा के हो चुके हैं, इन पर इस मंहगाई का कोई असर नहीं होता है क्यों कि ये ही लोग इसके लिए जिम्मेदार है, इन लोगों की अर्थ व्यवस्था बहुत मजबूत है इनप महंगाई का कोई असर नहीं होता है इस लिए ये लोग बोलते नहीं है केवल  वोट व सता प्राप्त करने के लिए इन लोगों को गुमराह करते हैं ओर सहयोग करते हैं पैसे देकर ओर इन की नजरों में अच्छे बने रहते हैं, यदि sc,st,obc, को अपना अस्तित्व बनाये रखना है तो संघर्ष करना ही होगा इन लोगों के विरोध में तभी इस देश में sc,st,obc आम्बेडकरवादी, ग़रीब मजदूर का अस्तित्व बनें रहेगा, अन्यथा ये लोग या तो ग़ुलाम बन जायेंगे या इन लोगों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा 
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 28.12.2024

बड़ा दुःख हो रहा आज समाज sc,st,obc, लोग व आम्बेडकर व बुद्धिजीविय , शिक्षित लोग सो रहे हैं अन्य धर्मों के लोग खुलेआम हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री पद यात्रा कर रहे हैं उनके यात्रा में जनसेलाब उमड़ रहा है ओर खुले मंच से हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात कह रहा है लेकिन हमारा समाज इस एक प्रतिक्रिया भी व्यक्त नहीं करता है, महाराष्ट्र के चुनाव से भी समाज के बुद्धिजीवियों को ज्ञान नहीं आ रहा है, sc,st,obc, आम्बेडकर वाली धीरे धीरे गुलाम बनने की ओर बढ़ रहे,ओर ये लोग किन लोगो के ग़ुलाम बनेंगे,वे लोग निम्न हैं, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, हिन्दू ,sc,st,ob, सिख, मुस्लिम, क्रिश्चियन, ओर आपने ही लोग समय आने पर मजबूरी में हिन्दू बन जायेंगे आज के माहोल को देखते हुए आम्बेडकरवादी जो चोथे पाय दान पर खड़े शुद्र,जो हाजारो जातियों में बंटे हुए हैं,जिनका प्रतिशत 85% उनको टारगेट कर के  हर तरिके इनको गहरा था रहा है, संविधान में संशोधन कर के, राष्ट्र शिक्षा निति बनाकर, इनकी आने वाली पीढ़ी का स्कूल कालेज यूनिवर्सिटी में ब्रेन वाश कर के, इन का हितिहास मिटाकर, फूट डालो राज करो की निति के द्वारा, इन को पैसा पद सुविधाओं का लालच देकर, धर्म, आस्था श्रद्धा को बताकर, पाखंड वाद फैलाकर,  हर  संवैधानिक पद पर आपने लोगों को बिठाकर, थाना,कोट,नय पालिका को अपने कब्जे में कर के साधु सन्तों के द्वारा इनकी महिलाओं का ब्रेन वाश कर के ,इनकी बढ़ी लिखी लड़कियों से शादी कर के , प्रशिक्षण केन्द्र खोलकर ,ये सब तिकड़म लगाकर ओर सिख,जैन, मुस्लिम, और कुछ आम्बेडकरवादी  लोगोंका संयोग लेकर संविधान बदलकर इनका अन्तिम लक्ष्य हिन्दू राष्ट्र बनाना है और हमारा समाज हिन्दू राष्ट्र बनते देख रहा है और उनके लोग खुले मंच से हिन्दू राष्ट्र बनाने की बातें कर रहे हैं ,इन आम्बेडकरवादी की आर्थिक स्थिति कमजोर कर के भी , धर्मों में उलझाकर इनको गुलामी की ओर ढकेला जा रहा है ओर हमारा आदमी विरोध करने से भी डर रहा है, इस देश में इन sc,st,obc, का क्या होगा पता नहीं यदि ये लोग संघटित नहीं हुए तो इनको इस के बहुत बुरे परिणाम भविष्य में भुगतने पड़ेंगे, जागो समाज जागो
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे। 26.11.2024

संविधान।
 संविधान यात्रा निकालने से,  संविधान की प्रस्तावना पढ़ने से, संविधान सुरक्षा संघ बनाने से, संविधान की कापी बांटने से, फोटो वाट्स अप पर भेजने से  संविधान बचेगा नहीं  क्यों कि दुशम लोग इसे समाप्त करने के रूप संसद भवनों में मेजोरिटी में जा रहे हैं ,वे चुनाव जीत रहे हैं और संसद में जा कर संविधान में पिछे के दरवाजे से विभिन्न परकार के संशोधन कर चुके हैं उनके रास्ते में दो ही रुकावटें थी इस देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने केलिए वे थी धर्मनिरपेक्ष,शब्द और समाजिक शब्द में उन्होंने हटा दिये है संशोधन कर के, और इस समाज को शब्दो के जाल में उलझा दिया है, वे शब्द है, पंथनिरपेक्ष, प्रभुत्व सम्पन्न, आत्मारपित, क्यों कि जब तक संविधान धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी है तब तक ये देश हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता है, क्यों की संविधान किसी भी धर्म का पक्ष नहीं लेता है यह तटस्थ हैं, जब तक कीसी देश का संविधान  धार्मिक नहीं होगा वह देश उस धर्म को मानने वालों का देश नहीं बन सकता है, एक विचार धारा वाला देश नहीं बन सकता है, इसी लिए संविधान को पहले संशोधित करके इसे धार्मिक बनाया जा रहा है ,आधा बन चुका है, जैसे नयी संसद को धार्मिक संसद बनाया और वहां पर हिनदै धर्मों के देवताओं की चित्र कारी की गयी, इसलिए हमें सर्वप्रथम जानता तक इस बातको पहुंचाना होगा उनको जागरूक करना होगा ओर जो sc,st obc, इन ब्राह्मणवादी को वोट दे रहे हैं वहीं लो इस देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने में मदद कर रहे हैं मेरा स्पष्ट मत है यदि ये देश हिन्दू राष्ट्र बनता है तो हम इसी देश में बुद्धिस्ट लोगों sc, st,ob, आम्बेडकरवादी ग़रीब , मजदूर लोगो के लिए अलग से बुद्धिस्टान जगह की मांग करेंगे जैसे इन्होंने मुस्लिम लोगो को पाकिस्तान दिया उसी तरहां हमें भी बुद्धिस्ट लोगो को रहने के रूप जगह अलग दो हम हिन्दू लोगो कू साथ नहीं रहना चाहते हैं।
धन्यवाद।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 26.11.2024

समाज के विकास हेतु  मैकेनिज्म।
1.सबसे पहल भोपाल जिले के समस्त बुध विहारों के समितियों, छोटे बड़े sc,st,obc, आम्बेडकरवादी, बुद्धिस्ट संगठनों को एक मंच पर लाना 
2. प्रत्येक बुध विहारों व संघटनों से दो बुद्धिजीवी का चयन करना।
3. इन चयन किये बुद्धिजीवी का एक संघ बनाना।
4. इन संघ के बुद्धिजीवियों के मार्गदर्शन में विभिन्न क्षेत्रों के कार्यों के लिए विभाग व संघ का निर्माण करना।
5. ये संघ व संघटन बुध विहारों से संचालित होंगे।
6. इन संघ व संघटनों के 7 बुद्धिजीवियों का एक संघ बनाना निर्माण करना।
7. इन संघ व संघटनों को इन क्षेत्रों व विभागों में काम करना होगा।
8. विभाग व क्षेत्र निम्न प्रकार है, शिक्षा विभाग, राजनेतिक विभाग भारतीय महा बौद्ध सभा, बौद्ध धम्म प्रचार-प्रसार विभाग, बौद्ध विहार विकास संघटन,sc,st,obc, विकास संघटन, सावित्रीबाई महिला विकास संघटन, आम्बेडकर रिलिफ फंड सोसायटी, संविधान सुरक्षा संघ, समता सैनिक शाखा विभाग  ,प्रशिक्षण विभाग ।
9. इन सभी विभागों व संघटनों की देख रेख बुद्धिजीवियों का संघ करेगा 
10. सभी विभाग आपनी सीमा में का करेंगे,एक दूसरे के विभाग में दखल नहीं देगे,
11. सभी विभागों व संघटनों को अपने अपने कार्य की चीनता करनी होगी 
12. सभी संघटनों व विभागों को एक चैन की तरह जुड़कर काम करना होगा।
13. सभी विभागों  व संघटनों में निर्णय संघ के बुद्धिजीवियों के पास रहेगा
14. इन विभागों व संघटनों में सभी लोग समविचार वाले रहेंगे 
15. सभी विभागों व संघटन का मार्गदर्शन जिला स्तर का मार्गदर्शक संघ करेगा इस का निर्णय सर्व ऊपरी रहेगा 
16. इन विभागों व संघटनों में कोई भी पद , अधिकारी नहीं रहेगा सभी लोग समान रहेंगे।
17. सभी विभागों व संघटनों के लोग व संघ भारत को बौद्ध मय बनाने के लिए काम करेंगे, सभी विभागों व संघटनों, संघ को मजबूत करने के लिए काम करेंगे, आम्बेडकर के मिशन को आगे ले जाने के लिए काम करेंगे।
18. कार्यक्रम व रेलियां विभाग वहघटन ।
19. उपरोक्त वर्णित मैकेनिज्म को अंजाम देने के लिए , बुद्धिजीवियों  , पढ़ लिखे उच्च शिक्षित आम्बेडकर व बुध विचार धारा वाले महापुरुषों के विचार धारा वाले लोगो के संघ बौठक करके बहुत गंभीरता से विचार विमर्श करना होगा।
20. इसके बाद ही उपरोक्त वर्णित मैकेनिज्म अमल में आ पायेगा ।
21. अब देखना यह है कि कितने विद्वान भनते, पढ़े लिखे लोग, बुद्धिजीवियों लोग शिक्षित महिलाएं, आम्बेडकरवादी, बुद्धिस्ट लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं ।
22. यदि वास्तव में वे आम्बेडकरवादी व बुद्धिस्ट है दलित चिन्तक है, तो जरूर आपनी बात रखेंगे, अन्यथा चुप रहेंगे देखते हैं।
23. धन्यवाद।
24. बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे मार्गदर्शक संघ 
Date  25.11.2024 

आम्बेडकर रिलिफ फंड।
आज समाज में बहुत सी विषय समसिया है, उसमें से एक है पैसे की समाज में कोई बिमार होता है किसी की मृत्यु हो जाती है, कोई दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, आर्थिक तंगी आ जाती है, शदिविवाह के समय, घर मकान बनाने के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए, जीवन में कभी ना कभी पेसे की आवश्यकता पड़ती है, एसी विषय प्रस्थिति में व कर्ज लेता कर्ज में डूबे जाता है, अन्य धर्मों के लोग हमारी मदद कर के हमे अपने एहसान तले रखतें, पैसे ना  होने के कारण ऐसी स्थिति में समाज का व्यक्ति टूट जाता है दुसरो का गुलाम हो जाता है जिस का खाओ उस कि बजानी पड़ती है, समाज में एसी प्रस्थिति में समाज व्यक्त काम नहीं आता है,  समाज को इस पर विचार विमर्श करना चाहिए, समाज इस पेसे की कमी की समसिया का हमने गहनता से अध्ययन किया और इस का हाल हमने आम्बेडकर रिलिफ फंड सोसायटी बना कर निकाला ,समाज के प्रत्येक व्यक्ति को कभी ना कभी उसपर कोई ना कोई दिक्कत आती है, उसे पैसे की आवश्यकता होती है, मैं समाज के पढ़े लिखे लोग बुद्धिजीवियों आम्बेडकरवादी, बुद्धिस्ट,लोगों हाथ जोड़कर विनती करता है कि आपनी तनख़ा का बीस प्रतिशत हर महीने दान करें इस आम्बेडकर ये रिलिफ फंड सोसायटी से जुड़े, इस का उद्देश्य है की समाज के प्रत्येक व्यक्ति जो उपरोक्त वर्णित प्रस्थिति में है तो उसकी इस सोसायटी से उस की मदद की जायेगी लेकिन सोसायटी समाज से संचालित होती है, यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति सकारात्मक सोच लेकर इस विषय पर विचार करेगा व कुछ ना कुछ पैसे प्रति महा  यदू सोसायटी को देता है तो सोसायटी उनकी मदद करने योग्य बन सकती है मैं  समाज में बहुत घूमता फिरता हूं  मैने समाज की बहुत सी परेशानी देखी, पैसे की कमी के कारण कभी कभी इन्सान दुनिया से चला जाता है समाज का विकास नहीं हो पाता है, एसी स्थिति में जिला स्तर पर ये सोसायटी काम करेगी  इस में जुड़ने के लिए सम्पर्क करें बौद्ध धम्म प्रचारक दिलीप मोरे।
इस विषय में लोगों में बहुत से सवाल होंगे,  वे मुझसे पुंछ सकते हैं 6260785451 इस सोसायटी का होना समाज में बहुत आवश्यकता है इस से समाज भी एक दूसरे से जुड़ेगा। धन्यवाद, 23.11.2024

मार्गदर्शक संघ ।
कल भी संघटन,थे,आज भी है,ओर कर भी संघटन रहेंगे 70 सालों से कहीं, संस्था, समिति,संघटन, राजनेतिक दल, संघ,काम करते आ रहे हैं  कोई भी संघठन किसी एक संघटन के साथ काम करने को तैयार नहीं है, राजनेतिक दल एक होने को तैयार नहीं है, छोटे छोटे टुकड़े में बंटे संघटन भी एक साथ काम करने को राजी नहीं है ना थे,ना होंगे, आपने अपने संघटन बनाकर  काम कर रहे हैं , और खुद ही हिरो बनना चाहते हैं, सभी संघटन समझते हैं कि वही सही है, दूसरे संघटन काम ठीक नहीं कर रहे हैं, हम ही असली आम्बेडकरवादी है, ना ये संघटन एक होगे ना एक साथ काम करेंगे,ये तो वैसा ही है ना नो  महन तेल होगा ना राधा नाचेगी ये तमाम संघटनों के एक ना होने के कारण समाज को भोगना पड़ रहा है, किसी को कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है , इनी सब बातों का गहन अध्ययन करके हमने, भी मार्गदर्शक संघ कि व्यवस्था की है,जिसका  काम है कि भोपाल के समस्त बुध विहारों को संगठित करने, इस संघ में शिक्षित, पढ़े लिखे, बुद्धिजीवी लोग जुड़े हैं, जो समाज व तमाम संघटनों को सम्यक ज्ञान, सलाह, सुझाव विचार, देने का प्रयास करते हैं, समाज को सही दिशा देते हैं, बुध विहारों में क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए, बताते हैं, समाज संगठित कैसा होगा इस पर विचार विमर्श करते हैं, राजनेतिक क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में आछा काम कैसे हो इस पर गहन विचार विमर्श करते हैं, भोपाल की सभी समझिए को संगठित कैसे करें इस पर विचार करते हैं, इस संघ कोई भी पद नहीं है यह कोई नया संघटन नहीं है, यह केवल सम्यक लोगो का समूह है, समाजसेवी है, समाज के दुःख सुख में उनके साथ खड़ा होता है, उसके लिए संघर्ष करता है, उनको जागरूक करता है, उनको सावधान करता है, लोगो को एक दुसरे से जोड़ता बौद्ध धम्म का प्रचार प्रसार करता है, इस का लक्ष्य भारत को बौद्ध मय बनाने का लक्ष्य है, इस की शिक्षा का लक्ष्य एसी शिक्षा है जो की आम्बेडकरवादी, बुद्धिस्ट, वैज्ञानिक दृष्टिकोण लिए हुए हो  संघ का लक्ष्य है सब का साथ सब का विकास,, देश, समाज का विकास, sc,st,obc, के संघटनों को एक करना, महिलाओं के लिए काम करना, इस संघ का कार्यालय   
आम्बेडकर शान्ति बुध विहार पुराना नगर एन वन ए सेक्टर वाड 59 नगर निगम कार्यालय के पीछे गोविन्दपुरा भोपाल पानी की टंकी के पास है, इस का काम पुरे M.P. में है, जो बुध विहार लोग एक होने की इच्छा रखते हैं, जो संघटन एक साथ होकर काम करने की इच्छा रखते हैं, जो लोग जुड़कर काम करना चहाते है, करिपिया सम्पर्क करें।
बौद्ध धम्म प्रचारक दिलिप मोरे 
6260785451.और आपनी राय सलाह सुझाव सलाह इंदू दे एक होने के विषय पर । 22.11.2024

 





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