विश्वविद्यालय में दाखिला TPSG Tuesday, September 21, 2021, 09:33 AM 22 वर्ष की उम्र में भीमराव आंबेडकर अमेरिका के न्यूयार्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाखिला लेते हैं। दूसरा देश, परायी भाषा और सब कुछ अजनबीपन से भरा हुआ। क्या हालत हुई होगी भीमराव की। रहने और खाने की व्यवस्था भला कैसे की होगी। पराया मुल्क और अनजान लोग। इस तरह का भोला प्रश्न मेरे सामने आ खड़ा होता है। लेकिन भीमबा को पेट की भूख कहां थी। उन्हें तो सदियों से रही आयी ज्ञान की भूख का शमन करना था। एक अस्पृश्य समझी जाने वाली जाति से भीमराव अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से विदेश पढ़ने जाते हैं। उस समय के नामचीन विचारकों से संपर्क बनाते हैं और स्वयं का वैचारिक दबदबा निर्माण करते हैं। भीमराव कोलंबिया में दाखिल हुए वह समय कोलंबिया विश्वविद्यालय का "गोल्डन एरा "था। वहाँ एक से बढ़कर एक प्राध्यापक भीमराव को मिले। वे उनसे ज्ञान पर टूट पड़ने की हद तक ज्ञान प्राप्त करते रहे। ये वर्ष थे 1913 से 1916 तक। इन तीन वर्षों में भीमराव ने अर्थशास्त्र के 29,इतिहास के 11 ,समाजशास्त्र के 6,दर्शन के 5, नृवंशविज्ञान के 4,राज्यशास्त्र के 3और फ्रेंच जर्मन के एक -एक विषय, कुल 60 विषयों का पाठ्यक्रम पूरा किया। अर्थशास्त्री प्रो . एडविन सेलिग्मॅन, शिक्षाविद प्रा. जाॅन डेवी, इतिहास विशेषज्ञ प्रा . जेम्स शाॅटवेल, मानववंश शास्त्र और समाजशास्त्र के प्रा. गोल्डन वाइज़र जैसे दिग्गज गुरूवर्यों के कारण उनके बौद्धिक विश्व का विस्तार होता गया। भीमराव आंबेडकर से डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकर तक उनके निर्माण में इन बुद्धिप्रामाण्यवादी प्राध्यापकों का मूल्यवान योगदान भुलाया नहीं जा सकता। डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकर जैसे ज्ञानपिपासु विद्यार्थी और किसी भी तरह का भेदभाव न करने वाले ,मुक्तहस्त से ज्ञान की वर्षा करने वाले प्रगल्भ प्राध्यापक। खरे अर्थों में इन सच्चे गुरूओं और उनके सच्चे शिष्य को इतिहास कभी भुला नहीं सकता। ---------------------------- #Arvind_Bharade हिंदी रुपांतरण : RG ( फोटो में क्रमशः --1.डाॅ आंबेडकर 2.प्रो.अलेक्जेंडर गोल्डनवाइज़र 3. प्रो. जेम्स राॅबिनसन 4. प्रो. जेम्स शाॅटवेल 5.प्रो. जाॅन डेवी 6.प्रो.सेलिगमॅन) Tags : hunger question people accommodation foreign language Another country