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आहिस्ता चल जिंदगी

TPSG

Monday, February 15, 2021, 11:29 AM
ahista

आहिस्ता चल जिंदगी
अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है
कुछ दर्ज मिटाना बाकी है
कुछ फर्ज निभाना बाकी है
     रफ्तार में तेरे चलने से
     कुछ रूठ गए कुछ छुट गये
     रूठो को मनाना बाकी है
     रोतो को हसाना बाकी है
कुछ रिश्ते बनकर टूट गये
कुछ जुडते जुडते छूट गये
उन टूटे-छूटे रिश्तों के
जख्मो को मिटाना बाकी है
     कुछ हसरतें अभी बाकी है
     कुछ काम भी और जरूरी हैं
     जीवन की उलझ पहेली को
     पूरा सुलझाना बाकी है
उन सांसो को थम जाना है
फिर क्या खोना, फिर क्या पाना
- गुलजार साहब





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