हिंदू धर्म के त्योहार TPSG Monday, March 22, 2021, 03:12 PM हिंदू धर्म के त्योहार क्या है और क्यों मनाते हैं?* त्योहार दो शब्दों से मिल कर बना है त्यो +हार त्यो का अर्थ तुम्हारी और हार का अर्थ या पराजय हिंदू धर्म के सभी त्योहार शूद्रों अर्थात OBC, SC, ST के पूर्वजों की हत्या और ब्राह्मणवादियों द्वारा मनाया गया जश्न है। कुछ प्रमुख त्योहारों और उनके कारण निम्नलिखित है। होली* होली महिलाओं पर अत्याचार का त्योहार है ब्राह्मणवादी मनुवादी लोगों ने श्रमण धर्म को मानने वाले वीर हिरणकशयप की वीरांगना बहन होलिका के साथ बलात्कार किया और रात को उसको जिंदा जला दिया था और काल्पनिक कहानियाँ बनाकर लोगों को गुमराह कर दिया। दीवाली* दीवाली - प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु महामोगलायन की हत्या करके ब्राह्मणों ने रामायण के काल्पनिक पात्र राम की कहानी बना कर लोगों को गुमराह कर दिया और दीवाली का त्योहार बना दिया है। सच तो यह है कि दीवाली नहीं यह *बौद्धो का उत्सव है जिसे दीपदान उत्सव कहते हैं* और यह सम्राट अशोक द्वारा शूरू किया हुआ उत्सव था दीपदान उत्सव मनाने के तीन कारण थे 1-कार्तिक अमावस्या के दिन लगभग 17साल बाद *तथागत गौतमबुद्ध अपने घर वापस गये थे । *2-बौद्ध भिक्षु महामोगलायन की हत्या का शोक 3-सम्राट अशोक ने उपर्युक्त दोनों कारणों को यादगार बनाये रखने के लिए *तथागत गौतमबुद्ध द्वारा 84000 उपदेशों को यादगार में* 84000 बौद्ध विहार धर्म शालाओं का निर्माण कराया था इसी कार्तिक अमावस्या के दिन सभी जगहों पर दीव जलाकर प्रकाश किया था जिसे दीपदान उत्सव के नाम पर जाना जाता था जिसे दीपदान अर्थात ज्ञान का दान कहते हैं। दशहरा* दशहरा दो शब्दों से मिल कर बना है दश +हरा दश का अर्थ है दश (10) हरा का अर्थ है पराजय या हार दशहरा दश बौद्ध सम्राटों सम्राट अशोक से लेकर बृहदत मौर्य तक के सभी सम्राटों की धोखे से हत्या को ही दशहरा कहा गया था। सच तो यह है कि यह दशहरा नहीं सम्राट अशोक विजय दशमी है सम्राट अशोक ने कलिंग पर विजय प्राप्त करने के दस दिन बाद बौद्ध धम्म दीक्षा ग्रहण कर लिया था और पूरे नगर को सजाया संवारा गया और एक उत्सव के रूप में मनाया गया था जिसे अशोका विजय दशमी कहते हैं। नौ रात्री* श्रमण सम्राट महिषासुर की वेश्या दुर्गा द्वारा धोखे से किया गया हत्या ही नौ रात्री का त्योहार है। नौ का अर्थ है 9 और रात्रि का अर्थ है रात में कुछ कार्य ज्यादातर रात में ही होते जिसमें ज्यादातर गलत कार्य होते हैं जिसमें सबसे ज्यादा कार्य वेश्यावृत्ति का होता है जैसे कि सब जानते हैं कि बिदेशी ब्राह्मणों ने भारत के मूलनिवासियों को हमेशा से ही छल कपट से हराया है श्रमण सम्राट महिषासुर से जब आमने सामने की लड़ाई में नहीं जीत पाये तो वेश्या दुर्गा का सहारा लिया वेश्या दुर्गा ने नौ रातों तक अलग अलग साड़ी पहन कर रिझाने की कोशिश करती रही और शराब पिलाती रही नौवें दिन कामयाब हो गई और महिषासुर की हत्या कर दिया ब्राह्मणों ने लोगों को गुमराह करने के लिए देवियों की काल्पनिक कहानी बनाई और अपनी कमाई का जरिया बना दिया है। रक्षा बंधन रक्षा बंधन श्रमण सम्राट बाली की ब्राह्मण द्वारा ठगी करके उनका राज पाट सब लूट कर राजा बली की हत्या करके जमीन में गाड देने का त्योहार है। जिसके हाथ में धागा बंधा होता है वह ब्राह्मणों का मानसिक गुलाम होता है या हाथ में बंधा धागा ब्राह्मणों के गुलामों की पहचान है। करवा चौथ करवा चौथ सती प्रथा का ही दूसरा रूप है इसमें महिलाओं को भूखा रखकर उनका मानसिक और शारीरिक शोषण करना है। छठ ** छठ एक अश्लील और अंधविश्वास और पाखंड फैलाने का त्योहार है इसमें 24 घंटे भूखे रहकर खुद को दिमागी और शारीरिक रूप से कमजोर करके ब्राह्मणों की मानसिक गुलामी करने की शाजिस है। वास्तव में छठ पूजा की कहानी महाभारत के कुंती पर आधारित है जिससे कुंवारी कुंती किसी सूरज नामक व्यक्ति के बच्चे की मां बन जाती लोक लज्जा के कारण बच्चे को नदी में फेंक देती है और छठे दिन नदी में अपने बच्चे को याद करने के लिए नदी में जाती है और सूर्य की ओर देखकर प्राथना करती है कि मेरे बच्चे को बचा लेना। और उस बच्चे को नदी के किनारे एक परिवार पाता है और उसे अपने घर ले जाकर पालन पोषण करता है जिसे ही कर्ण के नाम से जानते हैं। बौद्ध आचार्य डॉ एस एन बौद्ध 9953177126 Tags : Emperor Ashoka festival festival of Diwali character fictional people Buddhist monk