राहुल सांकृत्यायन Ajay Narnavre Sunday, August 8, 2021, 12:44 PM केदारनाथ पाण्डे से रामोदार स्वामी और बाद में भंते राहुल सांकृत्यायन की अनेकानेक किताबें, लेख और रचनाएं हैं। बुद्ध गया महाबोधि महाविहार प्रबंधकारिणी समिति में अधिक्षक, भिक्षु प्रभारी और बौद्ध सदस्य सचिव रहते समय बहुत बड़े बड़े अतिमहत्वपूर्ण पदों पर रहने वाले लोगों से मेल मुलाकात और चर्चा होती रही है। एक बार की बात है, महामहिम बिहार राज्यपाल श्री वी सी पाण्डे से कुछ मामले को लेकर मिलने गया था। मैंने BodhGaya Temple History by D.K. Barua और The Buddha and His Dhamma by Dr. B. R. Ambedkar ऐसी दो किताबें उन्हे भेंट में दी और बातचीत की। बातचीत करते समय उन्होंने मुझे बताया था कि वे जब छोटे थे तब एक सप्ताह में एक किलो कापियां लिखने के लिए मिला करती थी और हमें जो भी हमारी कल्पनाओं बात आए उसे लिखना होता था। मंदिरों की संस्थाओं द्वारा हमारी कापियां जांचने को ली जाती थी। हमको लिखने पढ़ने की लत लगाने और हम ही कैसे योग्यतम है यह सिद्ध करने के लिए यह अभियान था। लखनऊ में बहुत से साहित्यिक भटनागर जैसे इसी कला से उपजे हैं। राहुल सांकृत्यायन जी इनके पिताजी के पास अक्सर आने के कारण लिखी कापियां देख कर लिखने की बच्चों को सलाह देते थे। आज मैंने साहित्यिक रचना की है उसके पिछे राहुल सांकृत्यायन जी का बहुत बड़ा योगदान है। Tags : important Buddhist member secretary superintendent Committee Buddha Gaya Mahabodhi Mahavihara Management Bhante Rahul Sankrityayan articles books