हिस्ट्रीशीटर बाहुबली भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह Vijay boudh Saturday, June 10, 2023, 09:06 PM हिस्ट्रीशीटर बाहुबली भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह, यौन शोषण के आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होना,, क्या प्रजातंत्र की निशानी है ॽ विजय बौद्ध संपादक दि बुद्धिस्ट टाइम्स भोपाल मध्य, जिस दिल्ली में यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्वर्ण पदक विजेता अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी महिला कुश्ती पहलवान जंतर मंतर संसद पर कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, और उनके समर्थन में मानवतावादी हजारों लोग खड़े हैं, उस अपराधी ब्रज भूषण सिंह को बचाने पूरी मोदी सरकार लगी हो, उस दिल्ली में जीवंत प्रजातंत्र कैसे हो सकता हैॽ अमेरिका के वाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जान किर्बी को भारत देश का कोई ज्ञान नहीं है, मूर्खतापूर्ण बयान दिया गया है। व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में समन्वय जान किर्बी ने कहां है, कि भारत में जीवंत लोकतंत्र है।,, दिल्ली जाइए और खुद देख लीजिए,, तब सवाल उठता है,, कि जिन अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली महिला कुश्ती पहलवानों के साथ भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने सैकड़ों लड़कियों का यौन शोषण किया है। उस ब्रजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिला पहलवान सहित समूचे देश के मानवतावादी लोग व महिलाएं जंतर मंतर पर दिल्ली में ही कई दिनों से आंदोलन संघर्ष कर रहे हैं। और उनके आंदोलन को 28 मई को लोकतंत्र का मंदिर नई संसद भवन के उद्घाटन के समय कुचल दिया गया। उन्हें गिरफ्तार किया गया। उनके साथ जानवरों से बस्तर पुलिस प्रशासन ने सलूक किया। क्या यही दिल्ली में भारत में जीवंत लोकतंत्र है ॽ विरोध प्रतिरोध को कुचल देना ही लोकतंत्र है ॽ 19 विपक्षी दलों के विरोध एवं राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति तथा 290 सांसदों की अनुपस्थिति में देश के लोकतंत्र की इमारत नई संसद का उद्घाटन किया जाना लोकतंत्र हैॽ जिस देश में सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ लिखने बोलने एवं लड़ने वालों को देशद्रोही नक्सली कहा जाता है। उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल में ठूंस दिया जाता हो, या सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हत्या कर दी जाती हो, क्या यही लोकतंत्र है ॽ जिस देश में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं हो, वह देश क्या लोकतांत्रिक है ॽ जिस देश में जनता द्वारा चुनी सरकार के विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिरा दी जाती हो, क्या यह लोकतंत्र हैंॽ जिस देश में ईवीएम मशीन का दुरुपयोग कर चुनाव आयोग से सांठगांठ कर चुनाव जीत कर सत्ता पर अतिक्रमण किया जाता हो, क्या यही जीवंत लोकतंत्र हैॽ, मुझे ऐसा प्रतीत होता है, कि कुछ विदेशी,, भारत के बारे में कुछ जानते ही नहीं, और वाहियात किस्म का बयान दे देते हैं। जो मूर्खतापूर्ण होता है। भारत में तो सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन में लोकतंत्र नहीं है। 4 जजों को पत्रकार वार्ता लेकर बताना पड़ा था, कि सुप्रीम कोर्ट पर सरकार का दबाव है। और लोकतंत्र खतरे में है। भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ f.i.r. किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस प्रशासन ने उसे आज तक गिरफ्तार नहीं किया है। भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह को उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर घोषित किया था। उसके खिलाफ डकैती हत्या मर्डर चीटिंग जालसाजी और भूमाफिया जैसे संगीन अपराधों के 38 से ज्यादा मामले दर्ज है। ऐसे अपराधी यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण सिंह को नरेंद्र मोदी की सरकार बचाने में एड़ी चोटी एक कर रही है। इस देश का दुर्भाग्य समझो कि ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति यौन शोषण के आरोपी के समर्थन में देश के हिंदू साधु संत सड़क पर उतरे हुए है, उसे बचाने के लिए, इसके पहले भी गुजरात में बलात्कारियों का भी स्वागत फूलों के माला से किया गया, और मिठाइयां खिलाई गई। जम्मू कश्मीर में एक 8 साल की मुस्लिम बच्ची के साथ गैंगरेप बलात्कार और हत्या की गई थी। उन हत्यारों और बलात्कारियों के समर्थन में भी कुछ तथाकथित साधु-संतों लोगों ने जुलूस निकाला था। ऐसे ही साधु संत आए दिन भारतीय संविधान को ठेंगा दिखाकर धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र को हिंदू राष्ट्र बनाने का ढिंढोरा पीट रहे है। जिस देश का संविधान खतरे में है। वहां लोकतंत्र कैसे ॽ व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में समन्वयक जान किर्बी जी 28 मई को जिस देश की संसद का उद्घाटन हो रहा था। उस दिन सुबह से 4:00 बजे तक दिल्ली शहर का आवागमन, कई बसे बंद कर दी गई थी। संसद जंतर-मंतर में कोई व्यक्ति घुस नहीं सकता था। महिला कुश्ती पहलवानों को घसीटते मारते पीटते पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया था। उनके आंदोलन को बड़े बेरहमी से कुचल दिया गया था। क्या आप उस समय दिल्ली में जंतर मंतर संसद पर थे ॽ नहीं, मैं जंतर मंतर पर संसद भवन के पास मौजूद था। जहां पुलिस किसी व्यक्ति को घुसने नहीं दे रही थी। आप बड़े बेशर्मी से बोल रहे हैं, कि भारत में जीवंत लोकतंत्र है। और बोल रहे हैं, कि दिल्ली जाइए और खुद देखें,, तो मैं तो खुद देख रहा हूं। आप कभी दिल्ली आओगे तो मैं तुम्हें बताऊंगा भारत में लोकतंत्र कहां है ॽ भारत में जीवंत लोकतंत्र नहीं रहा। नई संसद भवन का उद्घाटन सैंगोल राजदंड जो राजतंत्र का प्रतीक है। उसे एक धर्म के ब्राह्मणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपकर सत्ता हस्तांतरण राजतंत्र को जीवंत किया है। और लोकतंत्र की हत्या,,, नरेंद्र मोदी की सरकार में देश का संविधान लोकतंत्र और अल्पसंख्यक बहुजन समाज खतरे में है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का जिस भाजपा ने नारा दिया है वही भाजपाई बेटियों की अस्मत के साथ खिलवाड़ कर उनकी इज्जत लूट रहे हैं। और खुले सांड की तरह स्वतंत्र घूम रहे हैं, उनके खिलाफ कोई कार्यवाही, कोई गिरफ्तारी नहीं, कोई जेल नहीं। जिस दिल्ली में जिस देश में महिलाओं के साथ बलात्कार हत्या होती हो, और वह न्याय की गुहार लगाती हो, उसके लिए संघर्ष करती हो, लड़ती हो, के बाद भी न्याय नहीं मिल सकता हो,, तो प्रजातंत्र कहां है ॽ - विजय बौध्द Tags : Vijay Buddhist Editor exploitation -Brijbhushan Singh History