मध्यप्रदेश बौद्ध धर्म का गढ़ Pratap Chatse Sunday, May 7, 2023, 01:57 PM मध्यप्रदेश बौद्ध धर्म का गढ़ था, उसपर ब्राम्हणों ने अलग अलग काल्पनिक देवी देवताओं के नाम से कब्जा किया है| सम्राट अशोक का महत्वपूर्ण केंद्र पाटलिपुत्र के बाद विदिशा था जो वर्तमान मध्य प्रदेश में मौजूद है| सम्राट अशोक का आरंभ कुमार राजा के रूप में यही पर हुआ था| विदिशा में ही अशोक बौद्ध परंपरा से रुबरु हुए थे और उन्होंने देवी नामक बौद्ध व्यापारी की पुत्री से विवाह किया था| देवी ने विदिशा में और आसपास के उज्जैन, अवंती प्रदेश में अनेक बौद्ध स्तुप बनवाए थे| देवी शाक्य वंशज थी| बुद्ध के शाक्य वंशज राजा ने मध्यप्रदेश के सतना जिले में भरहुत स्तुप बनवाया था| सम्राट अशोक और उनके बाद हरियाणा के पांचाल प्रदेश (प्राचीन सुघना) के बौद्ध राजा धनभुति ने भरहुत स्तुप का काफी विस्तार तथा विकास किया था| ब्राम्हणवादी इतिहासकार इसी धनभुति को पुष्यमित्र शुंग समझते हैं और पुष्यमित्र शुंग ने भरहुत स्तुप का विकास किया था ऐसा बताते हैं| मध्यप्रदेश में सम्राट अशोक का इतना प्रभाव था की वहाँ के एक जिले का नाम "मुरैना" है और उस जिले में प्रसिद्ध सांची स्तुप मौजूद है| मुरैना मतलब 'मौर्य याना" अर्थात "मौर्य प्रदेश"| सम्राट अशोक के वंशज अभी वर्तमान मध्यप्रदेश में कहाँ है? मौर्य वंशज अब विभिन्न जातियों में विभाजित हो गये है और ब्राह्मणवाद के शिकार बन चुकें है| मध्यप्रदेश के लोगों को बौद्ध इतिहास तथा मौर्य इतिहास बताकर उन्हें अपनी प्राचीन गौरवशाली स्वर्णिम विरासत तथा इतिहास से अवगत कराना होगा| -डॉ. प्रताप चाटसे, बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क Tags : Madhya Pradesh Vidisha Pataliputra important center Emperor Ashoka's