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नया संविधान

Vijay boudh

Friday, December 4, 2020, 09:09 AM
Constitution of India

तो क्या भारत का संविधान बदलने की, आर एस एस ने पूरी साजिश रच ली हैॽ नया संविधान बनकर तैयार हो गया हैॽ और क्या 2024 में यदि फिर से भाजपा की सरकार बनती है,

तो मनु स्मृति पर आधारित, देवी देवताओं की फोटो वाला संविधान लागू हो जाएगा ॽ 

विजय बौद्ध,संपादक, दि बुद्धिस्ट टाइम्स भोपाल मध्य प्रदेश 9424756130,,,,,,,,,

आज सभी व्हाट्सएप ग्रुप मैं मैंने आर एस एस,भाजपा द्वारा निर्मित तथा सावित्रीबाई फुले द्वारा व्हाट्सएप पर प्रकाशित, भारत का नया संविधान बनाए जाने तथा फुले के अनुसार ही यदि 2024 में भाजपा की पुनः सरकार बनती है,तो यह हिंदू धर्म की देवी देवता वाली फोटो वाला मनुस्मृति के अनुरूप निर्मित नया संविधान लागू कर दिया जाएगाॽ भारत का संविधान 26नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था। और 26 जनवरी 1950 को  गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे देश में लागू हो गया था। भारत का संविधान निर्माण किया जाना पूरे दुनिया के लिए चुनौती का विषय था। इस चुनौती को डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर ने स्वीकार कर,भारत का दुनिया के महानतम संविधान में प्रमुख संविधान निर्माण किया था। जब भारत का संविधान निर्माण हो गया था, तब इंग्लैंड के एक विख्यात विद्वान अनेॉस्ट बाकॅर ने डॉ बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान को अपने सर पर रखा था,और खुशी से झूम उठा था,और संविधान की प्रस्तावना की लाखों प्रतियां छपवा कर समूचे दुनिया में बांटा था। और कहा था , ये, दुनिया  के लोगों ,यदि कोई भी देश आजाद होता हैं, तो उसको अपनी आजादी को बरकरार रखने का सलीका, और सभ्यता, भारतीय संविधान से सीखना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नरीमन ने कहा था,भारत का संविधान ही पवित्र पुस्तक है। संविधान के साथ ही, प्रत्येक नागरिक एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ सकते हैं , इसी के द्वारा संविधान में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। भारत के संविधान की प्रस्तावना देश के प्रस्तावित सामाजिक ढांचे को इस प्रकार निश्चित करती है, हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न धर्म निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उनके समस्त नागरिकों की सामाजिक और राजनीतिक, न्याय, विचार अभिव्यक्ति, विश्वास ,धर्म और उपासना की स्वतंत्रता ,प्रतिष्ठा और अवसर की समता करने के लिए उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी संविधान सभा में एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मापिॅत करते हैं। डॉ बाबासाहेब आंबेडकर दुनिया के महानतम विद्वानों में से थे, वे संविधान के विशेषज्ञ थे। वे 64 विषयों के ज्ञाता थे। उन्हें हिंदी पाली ,संस्कृत, अंग्रेजी, ,फ्रेंच, जर्मन ,मराठी, फारसी और गुजराती नव भाषाओं का ज्ञान था। उन्होंने 2 वर्ष, दुनिया के सभी धर्मों का अध्ययन किया था। लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स में उन्होंने 8 साल की पढ़ाई 2 साल 3 महीने में पूरी कर ली थी।

 21 घंटे रोज पढ़ते थे। ऐसे महान दुनिया के विद्वान ने भारत का संविधान बनाकर इस देश को लोकतंत्र दिया है। आज समाज के गद्दार, दलाल नेताओं के मनु वादियों के गोद में बैठ जाने के कारण, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान को अनपढ़ गवार जाहिल लोग बदलने का षड्यंत्र कर ,नया संविधान बनाया गया है। जिसे 2024 में लागू किए जाने की कल्पना की जा रही है। और इस कल्पना को भाजपा की गोद में बैठी मनु वादियों की जड़ को मजबूत करने वाली भाजपा सांसद रही सावित्री बाई फुले, संविधान को व्हाट्सएप पर प्रकाशित कर रही है। डॉक्टर अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के चलते आर एस एस, भाजपा द्वारा मनुस्मृति के अनुरूप संविधान जो बनाया गया है। और उसे 2024  में लागू किया जा सकता है। इसके लिए कौन जिम्मेदार हैॽ क्या मनुवादी ताकतों को मजबूत किए जाने, मनुस्मृति के अनुरूप नया संविधान तैयार कर देश में लागू किए जाने  के लिए भाजपा सांसद रही सावित्रीबाई फुले जिम्मेदार नहीं हैॽ उदित राज जो भाजपा से सांसद रहे, और रामदास आठवले जो भाजपा से राज्य सभा सांसद हैं। एम जिनका हाल ही में निधन हो गया है, जिसने भाजपा को मजबूत बनाने संविधान बदलने के षड्यंत्र में शामिल रहे रामविलास पासवान, क्या यह तथाकथित अंबेडकरवादी, बहुजन ,दलित नेता जिम्मेदार नहीं हैॽ क्या अनुसूचित जाति,जनजाति आरक्षित वर्ग के सांसद जिम्मेदार नहीं हैॽ क्या इनकी गद्दारी और दलाली तथा मानसिक गुलामी के कारण आज डॉक्टर अंबेडकर द्वारा निर्मित, दुनिया का महानतम संविधान बदलकर मनुस्मृति के अनुरूप नया संविधान तैयार होकर लागू किया जाना है? इसके लिए भाजपा के समर्थन और उनके गोद में बैठने वाले गद्दार एवं समाज के दलाल एससी एसटी के सांसद जिम्मेदार नहीं हैॽ इन तमाम जिम्मेदार संविधान बदलने की साजिश षड्यंत्र में शामिल sc-st के सांसदों एवं पूर्व सांसदों का बहिष्कार किया जाना होगा। डॉक्टर अंबेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान को बचाने के लिए तमाम देश के दलित बहुजन अंबेडकरवादी विचारधारा के लोगों को एक मंच पर आना होगा। और जो एक मंच पर नहीं आना चाहते उनका सामाजिक और एवं सार्वजनिक बहिष्कार करना होगा।

विजय बौद्ध,संपादक, दि बुद्धिस्ट टाइम्स भोपाल मध्य प्रदेश 9424756130





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