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जाति कोरोना से भी खौफनाक,भयानक महामारी है

Pratima Ramesh Meshram

Tuesday, January 4, 2022, 08:55 AM
corona

जाति कोरोना से भी खौफनाक,भयानक महामारी है
भारतीय समाज असंख्य जातियों का समूह है।इन जातियों के लोग एक दूसरे में समा हित नहीं होते,  एक दूसरे के प्रति सहानुभूति नहीं रखते, एक दूसरे के सुख दुख में भागीदार नहीं बनते  भारत के हर क्षेत्र में जाति के आधार पर भेदभाव है इसलिए भारत में जब तक जाति व्यवस्था है तब तक लोकतंत्र स्थापित नहीं हो सकता और भारत एक राष्ट्र नहीं बन सकता।
  मानवता का पैमाना है....समता,स्वतंत्रता बंधुता और न्याय। हमारा संविधान भी इन्ही मूल्यों पर आधारित हैं परंतु हमारे देश का दुर्भाग्य है कि संविधान लागू होने के 70 दशक बाद भी यह मूल्य हमारे देश मे स्थापित नहीं हुए हैं।आज जातीयता का विष हमारे समाज में इतना फैला की हर बात पर हिंदू मुस्लिम2 ही होने लग जाता हैं और हमारे देश की बिकाऊ मीडिया भी मानवीय मूल्यों को साथपित होने देने की बजाए उनके विपरीत परिस्थितियों को पैदा कर शांति भंग करने का काम करता है।जातिवादी मानसिकता के कारण आज देश में अराजकता ,अत्याचार चरम पर है।संसार का हर मानव समान है किंतु जाति मानव मानव मे भेद पैदा करती हैं ये समाज ब देश के लिए कोरोणा महामारी से भी अधिक घातक है।
जाति भेद से ग्रसित व्यक्ति यदि समाज ,राजनीति, मीडिया, शासन प्रशासन ,पुलिस और न्यायपालिका में हैं तो वह निष्पक्ष न हो सकता और न हीं न्याय कर सकता हैं।जाति के नाम पर ऊंच नीच का भेद है इसलीय समता का अभाव है। एक जाति का व्यक्ति दूसरी जाति के व्यक्ति पर अन्याय करता है,द्वेष करता है इसलिए सामाजिक,आर्थिक, राजनैतिक स्तर पर न्याय स्थापित नहीं हो सकता।।
जातीयता की इस भयंकर महामारी ने स्थाई रूप धारण कर लिया है यह भारतीयों के माथे पर कलंक हैं। इस कलंक को धोना पड़ेगा जनता में जागृति अभियान बड़ी तेजी से चलाना होंगा सभी जातियों में रोटी बेटी व्यवहार स्थापित कर अंतर्जातीय विवाह आयोजित कर पुराने धर्म शास्त्रों को नकारना अत्यावश्यक हैं जनजागृति की तैयारी पर अमल करना होगा जाति निर्मूलन आंदोलन करने होंगे जातिगत उद्देशों को लेकर अंधेरे में भटक रहे लोगो में जागरूक कर आने वाली पीढ़ी को गुलाम  होने से बचाना होगा।
जातीयता को करना होगा खत्म। वरना ये जहर देश को कर देगा भस्म।।





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