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फुलन देवी दुनिया की चोैथे नंबर की क्रांतिकारी महिला

Nilesh Vaidh
nileshvaidh149@gmail.com
Thursday, July 4, 2019, 08:25 AM
 Phoolan Devi

फुलन देवी दुनिया की चोैथे नंबर की क्रांतिकारी महिला !
ब्राम्हण-बनिया मीडिया ने इस बात को दबाये रखा
विश्व में पहली बार 16 विद्रोही महिलाओं की सूची बनाई गयी। उस सूची में विश्व की महानतम नारी के रूप में फुलन देवी को चोैथे स्थान पर रखा गया। यह भारत में पहली बार हो रहा है। इसके पहले मनुवादियों ने 50 प्रभावशाली महिलाओं की सूची प्रकाशित की थी और उनमें सारी की सारी मनुवादी महिलाए थी, जिन्होंने देश को चूना लगाया हो। टाईम्स मैगजीन के कुछ दिन पहले 16 विद्रोही महिलाओं की एक सूची प्रकाशित की जिसमें पहलर नाम मनुवादी लोकतंत्र समर्थक मानवाधिकार कार्यक्रता तवाकुल करमान (32) का हैं। यह सूची शांतिपूर्ण संघर्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए जिन्होंने संघर्ष किया और जिन्दगी लगा दी ऐसी महिलाओं की बनायी गई हैं। करमान वमन ने वर्ष 1987 से राष्ट्रपति बने हुए अली अब्दुल्लाह सालेह ने वर्ष 2013 में पद छोड़ने की घोषना की है।
इसके बाद आंग सांग सु की यह म्यांमार के लिए लोकतांत्रिक संघर्ष कर रही है। यह नोबल पुरूस्कार विजेता भी है। हाल ही में जनता ने उसे रिकार्ड मतों से जितवाया है। इसके संदर्भ में कहा गया है कि ‘द लेडी’ के नाम से मसहुर आंग सांग को म्यांमार के लोग एक महान महिला के रूप में मानते है और उनका आदर सम्मान करते है। 1986 से वह संघर्ष कर रही है। उनके क्रांति की वजह से 20 वर्षाे से सत्ता पर काबिज रहा तानाशाह फर्डिनेड मारकोश को पद छोड़ने के लिए मजबुर कर दिया।
इस सूची में भले ही चोैथे नम्बर रही फुलन देवी हो मगर वह देश और दूनिया में अभी भी चर्चा का विषय है। फुलन देवी को याद करते हुए कहा गया है कि भारतीय समाज में ऐसी विद्रोही महिला जिसने विषमता के खिलाफ तथा मनुवाद के खिलाफ कडा संघर्ष किया हो। आधुनिक भारत में फुलन देवी के संघर्ष को एक बहुत बड़ा विद्रोह माना जा रहा है। उŸार भारत की मूलनिवासी महानायिका फुलन देवी के साथ मनुवादियों ने जो बदसलूकी किया उसका बदला लेने के लिए एक साधारण महिला ने असाधारण कृत्य किया। इस महिला ने मनुवादियों को मौत के घाट उतार दिया और मनुवादियों के अन्दर इस महिला के प्रति आज भी बहुत बड़ा भय है। विश्व की महानतम महिला के रूप में फुलन देवी आज भी आ गयी हैं। वह देखकर मनुवादियों की निंद उड़ गयी है।
फुलन देवी के साथ मनुवादियों ने बदसलूकी किया था। जिन्होंने यह बदसलूकी किया था, उस गांव के 20 मनुवादियों की सारे गांव वालो के सामने उसने हत्या की। फुलन देवी का नाम आज भारत का चप्पा-चप्पा जानता है और विश्व भी जानता हैं फुलन देवी ने अंनतः सरणागत होकर 11 साल जेल में कैदी रही। वह जनमानस में इतनी मसहूर थी कि जेल से रिहा होते ही दो साल के भीतर वह सांसद के रूप में चुनकर आयी। मगर बाद में मनुवादियों ने लोकतंत्र के लिए काम करने वाली इस महानायिका को जातिय घृणा की भावना से कायराना हमला करके मार डाला। यह कार्य मनुवादियों ने किया।
ब्राम्हण-बनिया मीडिया आज भी फुलन देवी का नाम इसलिए नहीं ले रहें है क्योंकि आज भी उसका नाम लेने से या उसके संबंध में कोई खबर प्रकाशित करने से मनुवाद के खिलाफ जनता का विद्रोह बढ़ सकता है। यह बात ध्यान में रखते हुए उन्होंने विश्व की चोैथी महानायिका फुलन देवी के संदर्भ में चार लाईन की खबर तक प्रकाशित नहीं की।
इसके उलटा जिस सोनिया गांधि के पास कालाधन है और विश्व में चैथे नम्बर की अमीर है। यह सच्चाई लोगों को मालूम न हो इसकी भी चिंता ये मनुवादी मीडिया करता है। मगर जिसने समतावादि व्यवस्था के लिए कार्य किया उस महान महिला फुलन देवी से मनुवादी लोग आज भी घृणा करते है। यहां तक उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा भले ही राज कर रही हो, मगर ये लोग भी फुलन देवी को याद नहीं करते है। भारत मुक्ति मोर्चा ने फुलन देवी को महानायिका की उपाधि दी है। यह सही मायने में उनका सम्मान हैं दैनिक मुलनिवासी नायक भी महानायिका फुलन देवी को महानायिका के रूप में सादर करते हैं।
- निलेश वैद्य - साभार दैनिक मुलनिवासी नायक





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