खजुराहो मंदिर प्राचीन बौद्ध स्तुप Pratap Chatse Monday, March 27, 2023, 09:38 AM खजुराहो मंदिर प्राचीन बौद्ध स्तुप है| खजुराहो प्राचीन विदिशा और सांची के नजदीक प्राचीन बौद्ध स्थल था, जहाँ के चंदेल राजपूत प्राचीन बौद्ध थे| जनरल कनिंघम महोदय को खजुराहो मंदिर के अंदर एक विशाल बुद्ध मुर्ति मिली, जिसे उन्होंने वहाँ के म्यूजियम में रखा था| सांची, सोनेरी, सतधारा, देवकोठार, खजुराहो यह सभी स्थल मध्यप्रदेश के प्राचीन बौद्ध स्थल है जहाँ पर सम्राट अशोक के समय से बौद्ध धर्म स्थापित था| खजुराहो की तरह महोबा भी बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र था और 11 वी सदी की बुद्ध मुर्ति महोबा से मिली है| महोबा अल्हा और उदल का नगर था जो प्राचीन बौद्ध नगर था| महोबा में 11 वी सदी के बाद और खजुराहो में 10 वी सदी के बाद बौद्ध धर्म का पतन हुआ और वहाँ पर ब्राह्मण धर्म तथा जैनधर्म का वर्चस्व स्थापित हुआ| खजुराहो के नजदीक घंटाई में खजुराहो जैसे सम्राट अशोक का प्राचीन बौद्ध स्तुप था, जिसे तोडकर जैनों ने उसके उपर जैन मंदिर 10 वी सदी में बनाया था| खजुराहो पर 10 वी सदी के बाद विकृत तंत्रयान का प्रभाव बढ़ा, जिससे खजुराहो के मंदिर में अनेक नग्न मुर्तियाँ दिखाई देती है| खजुराहो और महोबा प्राचीन बौद्ध स्थल है और वहाँ के चंदेल राजपूत तथा यादव लोग प्राचीन बौद्ध थे यह ऐतिहासिक प्रमाणों से सिद्ध होता है| ( नीचे खजुराहो के मंदिर की बुद्ध मुर्ति दी है, जो अभी वहाँ के म्यूजियम में रखीं हुई है) -डॉ. प्रताप चाटसे, बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क Tags : Chandela Rajputs Sanchi Vidisha Khajuraho